आज से खुलने थे स्कूल

दिसंबर लास्ट से चल रही छुïिट्टयों को ठंड के कारण डीएम ने आगे बढ़ा दिया था। नर्सरी से लेकर क्लास 10 तक के स्कूल 14 जनवरी तक बंद कर दिए गए थे। 15 जनवरी से स्कूल खुलने थे। लेकिन ट्यूसडे को ठंड ने फिर से अपना प्रकोप दिखा दिया। सुबह 12 बजे भी इतना कोहरा था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। दिन ढलने पर सूरज दिखाई दिया। ऐसा मौसम देखकर मम्मीज परेशान हो गईं कि सुबह इतनी ठंड में बच्चों को कैसे स्कूल भेजेंगे।

पैक हो गए थे स्कूल बैग्स

आज से स्कूल जाने के लिए घरों में पूरी तैयारियां हो गईं थीं। बच्चों के स्कूल बैग्स बुक्स के साथ पैक कर दिए गए थे। बच्चों के टिफिन का मेन्यू भी फाइनल हो चुका था। लेकिन शाम होते-होते डीएम का आदेश सबको पता चल गया।

19 तक बंद हो गए स्कूल

ठंड को देखते हुए डीएम जुहेर बिन सगीर ने नर्सरी से लेकर क्लास 9 तक के स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए हैैं। क्लास 10 से ऊपर की क्लासेज आज से खुल जाएंगी, लेकिन उनकी टाइमिंग सुबह 10 बजे से होगी।

बच्चों को मिला मस्ती का मौका

बच्चों को जैसे ही छुïट्टी का पता चला उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्हें खेलने के लिए और ज्यादा दिन मिल गए। वर्ना सुबह उठते ही स्कूल जाने की टेंशन हो जाती। डीएम के इस आदेश से बच्चों के परिवार वाले भी खुश हो गए।

स्कूल संचालकों और अप्सा वाले कर रहे विरोध

डीएम ने 19 जनवरी तक की छुट्टियां घोषित कर दी हैैं, लेकिन सीबीएसई, आईसीएसई और अप्सा वाले इन छुïिट्टयों का विरोध कर रहे हैैं। उनका कहना है कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा, उनका कोर्स काफी पीछे छूट जाएगा। लेकिन बात ये भी है कि इतनी भयंकर ठंड में क्या बच्चे बीमार होने के लिए स्कूल जाएं।

सुशील गुप्ता, डायरेक्टर प्रिल्यूड प?िलक स्कूल

हम चाहते थे कि डीएम यह छुïिट्टयां नौंवी क्लास के स्टूडेंट्स को छोड़कर करते। असल में 18 जनवरी को नौंवी और 11वीं क्लास का प्रॉ?लम सॉल्विंग असेसमेंट है। जो पूरे देश में एक साथ होता है। बच्चों को इसके लिए तैयारी करानी होती है। ओएमआर शीट्स की जानकारी देनी होती है। अब बच्चे वो समझ नहीं पाएंगे। जहां तक बात दूसरी क्लासेज की है, उनके सिलेबस में भी अब बहुत छंटनी करनी पड़ेगी क्योंकि टाइम काफी कम बचा है।

संजय तोमर, प्रेसीडेंट, अपसा

बच्चों का जो कोर्स रह गया है, उसे कम समय में खत्म कराना होगा। फस्र्ट मार्च से एग्जाम शुरू हो रहे हैैं। तैयारियां कैसे करेंगे, 18 जनवरी को होने वाले टेस्ट की तैयारियां भी पूरी नहीं हो पाई हैैं। इसके नंबर बोर्ड में जुड़ते हैैं। सिलेबस में छंटनी का असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है। छुïट्टी नहीं करते लेकिन समय बढ़ा देते.

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