-डेढ़ महीने बाद सीबीएसई, आईसीएसई, बेसिक सहित अन्य बोर्ड के स्कूल खुले

-पहले दिन टीचर्स ने बच्चों से साझा की यादें

VARANASI

करीब डेढ़ महीने के समर वैकेशन के बाद सोमवार को स्कूल्स का सन्नाटा टूट गया। चहल पहल बढ़ने से रौनक वापस लौट आयी। पहले दिन ज्यादातर स्कूल्स में क्लासेस चलने की बजाए परिचय समारोह तक ही सीमित रहा। टीचर्स पढ़ाई से अधिक माहौल बनाने में लगे रहे ताकि बच्चा स्कूल आने से न भागे। वहीं दूसरी ओर पहले दिन स्कूल जाने वाले बच्चों को तैयार कर विद्यालय छोड़ने वाले पेरेंट्स की भी भीड़ देखा गया। हालांकि बहुत सारे बच्चे सुबह अलसाये हुए स्कूल पहुंचे।

अटेंडेंस रहा कम

लंबे समय बाद स्कूल खुलने के बावजूद अटेंडेंस कम रहा। बेसिक स्कूल्स में जहां 25 परसेंट से भी कम उपस्थिति रही, वहीं सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूल्स में अटेंडेंस 70 परसेंट से ज्यादा रहा। इस बीच बहुत सारे बच्चे अपने ननिहाल, रिलेटिव या सिटी से बाहर होने के कारण भी स्कूल पहुंच नहीं पाए।

बैग रहा खाली

समर वैकेशन के बाद भी अब तक सिर्फ बेसिक स्कूल्स के कक्षा सात की ही किताबें आ सकी हैं। वह भी बट नहीं पायी। ऐसे में बच्चों का बैग अभी खाली रहा। पुरानी किताबों से उनको पढ़ना पड़ा। हालांकि प्राइमरी स्कूल भिटारी में 96 बच्चों में ड्रेस, आई कार्ड, टाई-बेल्ट व बैग वितरित किया गया। बैग सिर्फ कक्षा एक व कक्षा छह के बच्चों को मिला। इस मौके पर बीएसए जय प्रताप सिंह, चंदौली के सांसद प्रतिनिधि हेमंत सिंह, प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार सिंह उपस्थित रहे। इसी प्रकार अराजीलाइन के प्राइमरी स्कूल व उच्च प्राथमिक विद्यालय कचनार, केशरीपुर सहित कई अन्य स्कूल्स में यूनीफॉर्म वितरित किए गए। लंबे समय के बाद सीबीएसई व आइसीएसई से संचालित सभी स्कूल खुल गए। यूपी बोर्ड, बेसिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई व आइसीएसई सहित अन्य बोर्डो से संचालित स्कूलों के खुलने से रोड एवं दुकानों पर भी रौनक रही। बच्चे व पेरेंट्स किताब, कापी सहित स्टेशनरी सामान खरीदने के लिए दुकानों पर देखे गए। इस वर्ष बच्चों को मुफ्त जूता-मोजा भी मिलेगा। इसके लिए शासन ने बीएसए से छात्र संख्या मांगी थी। जनपद के 1620 विद्यालयों में पंजीकृत करीब सवा दो लाख बच्चों की संख्या शासन को भेज दी गई।