RANCHI: कागज पर चल रहे आदिवासी आवासीय उच्च विद्यालय की स्थापना अनुमति झारखंड एकेडमिक काउंसिल(जैक) ने रद्द कर दी है। अब इस स्कूल से मैट्रिक के छात्रों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। जैक अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह ने बताया कि शिकायत मिली थी कि आदिवासी आवासीय उच्च विद्यालय पिस्का का संचालन सिर्फ कागजों पर हो रहा है। जांच में आरोप सही पाए गए और स्कूल की स्थापना अनुमति रद्द कर दी गई। यह जानकारी जैक अध्यक्ष ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी। मौके पर जैक उपाध्यक्ष फूल सिंह, संयुक्त सचिव एस तिग्गा सहित जैक के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे।

हर इंस्पेक्शन में मिला बंद

आदिवासी आवासीय उच्च विद्यालय पिस्का का चार वषरें में जब भी निरीक्षण हुआ, बंद पाया गया। हर साल डीईओ की ओर से स्कूल का निरीक्षण किया जाता है। यह स्कूल तो एक बार प्रैक्टिकल एग्जाम के दौरान भी बंद पाया गया था। यहां पर परीक्षा नहीं ली जा रही थी। छात्रों को बिना परीक्षा के ही मा‌र्क्स दे दिए जाते थे। इस स्कूल से हर साल करीब ख्भ्0 से अधिक छात्र मैट्रिक की परीक्षा देते थे। बताते चलें कि इस स्कूल से अब तक क्000 से अधिक छात्र मैट्रिक की परीक्षा पास कर चुके हैं। पिछले साल डीईओ ने जांच के दौरान स्कूल को बंद पाया था। स्कूल में छात्रों के बजाय गाय भैंस बंधे थे।

मैट्रिक परीक्षा का था आवेदन

ख्0क्7 की मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने के लिए स्कूल की ओर से आवेदन दिया गया था, लेकिन जैक ने इसे वापस कर दिया है। इसके बाद स्कूल की स्थापना अनुमति को ही समाप्त कर दी गई।