DEHRADUN: राजधानी में स्कूल बसों के नाम पर निजी स्कूलों की मनमाना चार्ज वसूली पर अब लगाम लगने जा रही है। प्रशासन द्वारा स्टूडेंट्स के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फैसिलिटी मुहैया कराने से अब स्टूडेंट्स को स्कूल बस के लिए मोटी रकम नहीं देनी होगी। राजधानी के कई निजी स्कूल सीधे तौर पर स्कूल बसों के नाम पर लूट मचा रहे हैं, जिससे पैरेंट्स की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है।

 

स्कूल बसों का मनमाना किराया

दून में संचालित हो रहे निजी स्कूलों ने अपनी सुविधाओं के हिसाब से स्कूल बसें संचालित की हुई हैं। वैसे तो स्कूल संचालकों का दावा है कि दून में करीब 90 फीसदी स्कूलों के पास स्कूल बसें नहीं है। लेकिन जिन स्कूलों के पास स्कूल बसें हैं वे मनमाने तरीके से स्कूल बस का किराया वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं कई निजी स्कूलों ने अपनी बेबसाइट पर सीधे तौर पर स्कूल बस का किराया भी तय किया हुआ है।

 

दूरी अलग, किराया एक

चंद कदम की दूरी पर ही स्कूल होने पर हजारों रुपए स्कूल बस के नाम पर वसूल किए जा रहे हैं। मनमानी का आलम यह है कि चंद कदमों से लेकर कूछ किलोमीटर की दूरी तक का एक ही किराया वसूल किया जा रहा है। इसके अलावा स्कूल बसेज के स्टॉपेज भी तय हैं, जहां तक पहुंचने के लिए स्टूडेंट्स को या तो पैदल चलना पड़ता है या अपने वाहन से वहां तक पहुंचना होता है।