-सिटी में सावन के मद्देनजर जगह-जगह की गई बैरीकेडिंग स्कूली बच्चों के राह में बन रही रोड़ा, गोदौलिया से दशाश्वमेध एरिया में स्कूली वैन पर लगी रोक

-पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई को लेकर हो रहे हलकान, नाते रिश्तेदारों के घर रख रहे हैं बच्चे

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दशाश्वमेध के विश्वनाथ गली में रहने वाले सुशील कुमार का बेटा लंका स्थित एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ता है। ऑटो रिक्शा से स्कूल आता जाता है। लेकिन अब सावन को देखते हुए उसे लेने के लिए परिजनों को खुद आना जाना पड़ रहा है। क्योंकि गोदौलिया चौराहे पर बैरीकेडिंग के चलते स्कूली ऑटो को घर तक नहीं जाने दिया जा रहा है।

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चौक निवासी वीके अग्रवाल के दो बच्चे सामनेघाट स्थित एक स्कूल में पढ़ते हैं, ऑटो रिक्शा से आते जाते हैं। लेकिन अब ऑटो वाले ने घर तक आने में असमर्थता जताई है। सावन को लेकर सिटी में जगह-जगह की गई बैरिकेडिंग के चलते ऐसा हुआ है। अब घरवाले सुबह-दोपहर बच्चों को लेकर परेशान हैं। यह परेशानी एक माह तक रहेगी।

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दशाश्वमेध के चितरंजन पार्क के सामने रहने वाले बैजनाथ यादव के बच्चे डाफी स्थित एक स्कूल में बस से पढ़ने जाते हैं। गोदौलिया पर बैरीकेडिंग के चलते बस को भी आने नहीं दिया जा रहा है। परिवार के अकेले सदस्य बैजनाथ यादव के पास इतना वक्त नहीं है कि वह सुबह बच्चों को स्कूल छोड़ें और दोपहर में घर ला सकें। लिहाजा सुंदरपुर में अपने एक रिश्तेदार के यहां बच्चों को छोड़ दिये हैं। वहीं से बच्चे स्कूल आ जा रहे हैं।

अधिकतर मार्गो पर बैरीकेडिंग

ये तीनों केसेज तो महज बानगी भर है। सिटी में सावन माह में बाबा विश्वनाथ को जलाभिषेक के लिए कांवरियों की उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने विश्वनाथ मंदिर से जुड़ने वाले सभी मार्गो पर बैरीकेडिंग कर दिया है। मंदिर से पांच सौ से एक हजार मीटर के दायरे में बैरीकेडिंग की गई है, इस दायरे में आने वाले सभी मार्ग पर बाइक छोड़ किसी भी अन्य वाहन के एंट्री पर बैन कर दिया है। इसके चलते स्कूली बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। ऑटो, रिक्शा सहित मिनी बस की एंट्री पर मनाही है। सावन माह तक बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके लिए पेरेंट्स हर प्रॉब्लम फेस कर रहे हैं तो कुछ पेरेंट्स अपने रिश्तेदारों के यहां बच्चों को स्टे कराकर पढ़ाई जारी रखे हुए हैं।

पैदल ही नाप रहे स्कूल की डगर

गोदौलिया चौराहे से ही बैरीकेडिंग शुरू है, चौराहे से दशाश्वमेध एरिया में ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा के एंट्री पर बैन लगा दिया गया है। उधर लक्सा थाने के पहले से ही बैरीकेडिंग, टाउनहाल मैदान मैदागिन से चौक की तरफ आने वाले मार्ग पर शुरुआत में ही बैरीकेडिंग की गई है। जबकि बाबा विश्वनाथ मंदिर से जुड़ने वाले कई ऐसे छोटे-बडे़ मार्ग हैं जिन पर पुलिस ने बैरीकेडिंग कर रास्ता रोक दिया है। ऐसे में इन एरिया में रहने वाले स्कूली बच्चे पीठ पर भारी भरकम बैग लादे पैदल ही स्कूल की डगर तय कर रहे हैं।

ताकि कांवरियों को न हो परेशानी

सावन माह में उमड़ने वाली कांवरियों की भीड़ को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने इन मार्र्गो पर बैरीकेडिंग करा रखा है। चाहे भले ही स्कूली बच्चे पैदल ही स्कूल की डगर तय करें या कोचिंग की। पेरेंट्स चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं, बच्चों की पढ़ाई अहम मानकर वह अपने नाते रिश्तेदारों के यहां बच्चों को पहुंचा रहे हैं ताकि उनकी स्टडी प्रभावित नहीं हो सके।

बैरीकेडिंग के चलते स्कूली ऑटो रिक्शा को रोका जा रहा है। इसके कारण बच्चों को काफी परेशानी हो रही है।

गोपाल यादव, त्रिपुरा भैरवी

कम से कम स्कूली ऑटो-रिक्शा को प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए। इसके चलते बच्चों के साथ-साथ परिजनों को काफी दिक्कतें फेस करनी पड़ रही हैं

मनीष साहु, मान मंदिर

एक माह तक यदि स्कूली ऑटो रिक्शा को रोका जाएगा तो फिर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

रविकांत त्रिपाठी, दशाश्वमेघ

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को चाहिए कि स्कूली बच्चों के ऑटो रिक्शा के आने जाने के लिए बैरीकेडिंग फ्री किया जाये, जिससे बच्चों के अलावा परेंट्स भी हलकान नहीं होंगे।

विशाल यादव, चितरंजन पार्क