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BAREILLY : मनमानी फीस वूसली के मामले पर निजी स्कूलों पर जल्द कार्रवाई होगी. इन स्कूलों की ओर से हर साल 15-20 प्रतिशत शुल्क बढ़ाकर अभिभावकों की जेब तराशने का सच जिला शुल्क निर्धारण कमेटी की पत्रावली में कैद हो चुका है. बैठक बुलाकर निर्णय लेने के लिए कमेटी सचिव व डीआइओएस ने पत्रावली डीएम के पास भेज दी है. जिस पर डीएम ने डीआइओएस को वार्ता के लिए तलब किया है. वहीं, अभिभावक संघ ने अफसरों की वार्ता पर सवाल उठाए हैं.

 

 

बिना प्रस्ताव बढ़ाई फीस
विभागीय सूत्रों की माने तो शुल्क अध्यादेश आने बाद निजी स्कूलों की सत्र 2015-16 की फीस को आधार बनाया गया. जिसके अनुसार निजी स्कूलों को सत्र 2016-17 में 9.83 प्रतिशत, सत्र 2017-18 में 9.28 प्रतिशत, सत्र 2018-19 में 9.28 प्रतिशत तक फीस बढ़ानी थी. लेकिन निजी स्कूलों ने इसका पालन नहीं किया. करीब 15-20 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई. अब नए सत्र में फीस बढ़ोत्तरी के संबंध में स्कूलों ने कोई प्रस्ताव शुल्क निर्धारण कमेटी के पास नहीं भेजा. कमेटी की स्वीकृति के बिना ही मनमानी फीस बढ़ाकर अभिभावकों से जमकर वसूली की. इनमें शहर के नामचीन स्कूल शामिल हैं, जिन पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गई है.

 

25 स्कूलों के रिकार्ड में गड़बड़ी
पिछले साल दिसंबर में शुल्क निर्धारण कमेटी की पहली बैठक हुई. जिसमें कार्रवाई की जद में आए करीब 36 निजी स्कूलों को एक और मौका दिया गया. उनके रिकार्ड जमा कराकर वेबसाइट पर ब्यौरा अपलोड कराया. कमेटी सदस्यों ने रिकॉर्ड चेक किया तो करीब 25 नामचीन स्कूलों में भारी अनियमितता मिली. कार्रवाई के लिए कमेटी को फिर से बैठक बुलानी थी लेकिन पहले बोर्ड परीक्षा और फिर लोकसभा चुनावों की व्यस्तता को वजह बताते हुए अफसरों की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी.

पहले भी पत्रावली डीएम के पास पहुंची है. जिस पर हर बार डीआइओएस को वार्ता के लिए बुलाया जाता है लेकिन क्या वार्ता हुई इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आती और कार्रवाई लटक जाती है. इस बार यदि कोई सकारात्मक हल नहीं निकला तो उग्र आंदोलन करेंगे.
- अंकुर सक्सेना, अध्यक्ष-अभिभावक संघ