-डीएम की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यीय जिला कमेटी

-इस सत्र में मनमानी फीस से पेरेंट्स को राहत मिलने के आसार नहीं

BAREILLY:

शिक्षा सत्र खत्म होने को है और जिले के अफसर अब तक निजी स्कूलों में हो रही मनमानी फीस वसूली को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। अब वेडनेसडे को डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया गया। पेरेंट्स की जिन शिकायतों पर पहले मंडलीय कमेटी ने जांच की उन्हीं पर अब जिला कमेटी जांच करेगी। लेकिन जिला कमेटी को कब तक जांच पूरी करना है यह भी अभी तय नहीं किया गया है। इससे साफ है कि इस सत्र में पेरेंट्स को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

कार्रवाई से कतरा रहे अफसर

पेरेंट्स को राहत देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने निजी स्कूलों में हो रही मनमानी फीस वसूली पर अंकुश लगाने के लिए फीस निर्धारण विधेयक को मंजूरी दी थी। इससे पेरेंट्स को उम्मीद थी कि फीस का बोझ कुछ कम हो जाएगा, लेकिन जिले के अफसरों ने कई महीने स्कूलों से फीस और खर्च का रिकॉर्ड जुटाने में ही गंवा दिए। कार्रवाई से बचने के लिए स्कूलों को बार-बार समय दिया जाता रहा। करीब तीन महीने इसी में बीत गए। लेकिन न तो अफसरों ने किसी स्कूल पर कोई एक्शन नहीं लिया, इसके चलते स्कूलों में मनमानी फीस वसूली का खेल जारी है।

सात सदस्यीय कमेटी बनी

फीस को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए महीनों से चल रही गरमागरमी पर वेडनसडे को विराम लग गया। देर से ही सही लेकिन प्रशासन ने डीएम की अध्यक्षता में सात सदस्यीय जिला स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी में डीआईओएस को सचिव और पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता, लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा, सीए, अभिभावक संघ अध्यक्ष व सेंट मारिया की प्रधानाचार्या को सदस्य बनाया गया है।

डिप्टी सीएम ने कमेटी की थी भंग

दरअसल चालू सत्र में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए अप्रैल में सरकार ने अध्यादेश जारी किया। जिसके तहत मई में मंडलीय समिति का गठन हुआ और निजी स्कूलों से फीस का ब्यौरा व अन्य खर्च को वेबसाइट पर अपलोड कराया गया। जिसके बाद अभिभावकों की शिकायतों पर सुनवाई शुरू हुई। जिसमें करीब 25 स्कूल कार्रवाई की चपेट में भी आए। ऐसे में अभिभावकों को उम्मीद जगी कि अब निजी स्कूल उनकी जेब नहीं काट सकेंगे। लेकिन इसी बीच डिप्टी सीएम ने मंडलीय कमेटी को भंग करके जिला स्तरीय कमेटी का गठन करने के आदेश कर दिए। लेकिन सत्र आधा बीत जाने के बाद भी जब कमेटी का गठन नहीं हुआ तो अभिभावकों ने शासन-प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाना शुरू कर दिए और तीसरे क्र्वाटर की फीस जमा नहीं करने पर स्कूल प्रशासन की ओर से अभिभावकों को नोटिस देकर चेतावनी दी जाने लगी।

वर्जन

जिला स्तरीय कमेटी का गठन हो चुका है। अब अभिभावकों की शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा। निजी स्कूलों ने क्या अनियमितताएं बरती है यह देखा जाएगा।

डॉ। अचल कुमार मिश्र, डीआईओएस।