- 70 में मात्र 18 स्कूलों ने दी डीआईओएस ऑफिस से मांगी डिटेल
- स्कूल तय मानकों से ज्यादा फीस ले रहे हैं या नहीं, यह जानना है मकसद
BAREILLY:
निजी स्कूल डीआईओएस का निर्देश मानने को तैयार ही नहीं हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 28 दिसंबर की डेडलाइन बीत जाने के बाद जिले के 70 स्कूलों में मात्र 18 ने ही अपने स्कूल से जुड़ी जानकारी उनके कार्यालय में जमा कराई है। स्टूडेंट्स की संख्या, टीचर्स की क्वालीफिकेशन और उनकी सैलरी आदि की जानकारी इसलिए मांगी गई थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि स्कूल तय मानकों से ज्यादा फीस ले रहे हैं या नहीं। इसके अलावा कई स्कूल डीआईओएस द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप से भी लेफ्ट कर गए हैं।
एक दिन की आैर मोहलत
डीआईओएस अचल कुमार मिश्र ने बताया कि फिलहाल जिन स्कूलों ने जानकारी नहीं दी है, उन्हें एक दिन का और मौका दिया गया है। इन स्कूलों को सैटरडे तक डाटा देने को कहा है। इसके बाद इन स्कूलों के खिलाफ जिला समिति कमेटी कार्रवाई के लिए निर्णय लेगी।
पहले ही दे चुके थ्ो चेतावनी
डीआईओएस ने 26 दिसम्बर को जारी अपने एक आदेश में चेतावनी भी दी थी कि यदि लास्ट डेट तक स्कूल जानकारी नहीं देते हैं तो जांच कमेटी जो भी फैसला लेगी, उसके लिए स्कूल खुद जिम्मेदार होंगे। लेकिन डीआईओएस के इस आदेश और चेतावनी का स्कूलों पर कोई असर नहीं हुआ।
कमेटी की बैठक में हुआ था फैसला
फीस अध्यादेश की मंडल कमेटी भंग होने के बाद जिला कमेटी बनाई गई थी, जिसकी पहली बैठक डीएम की अध्यक्ष्ता में 12 दिसम्बर को हुई थी। बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। इसमें इस बात पर भी मंथन हुआ था कि कैसे मनमानी फीस लेने पर रोक लगाई जाए। बैठक में डीएम ने यह आदेश भी दिया था कि सभी स्कूलों की जांच दोबारा से की जाए और उनसे उनकी डिटेल मांगी जाए। इसी क्रम में डीआईओएस ने सभी निजी स्कूलों को एक लेटर जारी किया था।
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डीआईओएस के व्हाट्सएप ग्रुप से किया लेफ्ट
डीआईओएस ने शहर के सभी सीबीएसई स्कूलों को 'सीबीएसई स्कूल ग्रुप' नाम से बनाए गए एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा था, जिससे कि स्कूलों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान आसानी से हो सके। लेकिन, इनमें से 10 स्कूलों ने यह ग्रुप छोड़ दिया है। डीआईओएस ने बताया कि यह ग्रुप इसलिए बनाया गया है ताकि कोई स्कूल यह बहाना न बना सके कि उन्हें डीआईओएस ऑफिस से जारी सूचना नहीं मिली।
तीन बार जोड़ेंगे, चौथी बार डीएम से शिकायत
डीआईओएस ने बताया कि जिस भी स्कूल ने ग्रुप को लेफ्ट किया है, उन्हे फिर ग्रुप में जोड़ा जाएगा। यदि फिर लेफ्ट कर देते हैं तो उन्हें एक बार और जोड़ा जाएगा। इसके बाद लेफ्ट किया तो इसकी शिकायत डीएम से की जाएगी।
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बॉक्स : किसी को पता ही नहीं ग्रुप किसका है
डीआईओएस ऑफिस से व्हाट्सएप पर सीबीएसई स्कूल का गु्रप तो बना दिया गया, लेकिन स्कूल संचालकों को इसकी जानकारी ही नहीं थी। ऐसे में जब गु्रप में स्कूलों को जोड़ा गया तो कई स्कूलों ने गु्रप से लेफ्ट कर दिया।
इन स्कूलों ने िकया लेफ्ट
- अल्मा मातेर स्कूल
- वुडरो स्कूल
- डीपीएस
- बीआर जीनियस स्कूल
- सेक्रेड हार्ट्स
- सोबतीज स्कूल
- चिक्कर स्कूल