BAREILLY : निजी स्कूलों में मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार की ओर से बनाया गये फीस निर्धारण अध्यादेश पर कार्रवाई अफसरों ने उलझा दी। इस अध्यादेश के तहत बनी मंडलीय कमेटी के अध्यक्ष कमिश्नर के निर्देश पर तीन महीने पहले डीआईओएस ने स्कूलों से फीस का रिकॉर्ड मांगा और सीबीएसई, आइसीएसई स्कूलों से आए फीस रिकॉर्ड की जांच शुरू कराई। जांच पूरी होती, उससे पहले ही रुकवा दी गई। इसके बाद जेडीई ने सारे स्कूलों की वेबसाइट पर फीस रिकॉर्ड अपलोड कराकर उसका रिकॉर्ड मंगाया। यहां तक ठीक लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पेरेंट्स ने की शिकायत

अब कई अभिभावकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बरेली में शुल्क निर्धारण पर कोई कार्रवाई न किए जाने की शिकायत की है। प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह से भी कई स्कूलों ने मनमानी फीस न लेने के मामले में कार्रवाई की मांग की है। बताया कि संयुक्त शिक्षा निदेशक एसपी द्विवेदी स्कूलों को अतिरिक्त ली गई फीस समायोजित न करने पर चुप्पी साधे बैठे हैं। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस मामले में अभिभावकों की बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। कहा है कि शिक्षा विभाग के अफसरों की जिम्मेदारी अध्यादेश का पालन कराने की थी। उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो यह सीधे तौर पर शासन के आदेश की अवहेलना का मामला है इसलिए इस मामले में कार्रवाई कराई जाएगी।

कोट

इस मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे। यह गंभीर मामला है। प्रदेश सरकार ने अध्यादेश पालन कराने को बनाया था। इस मामले में कार्रवाई जरूर कराई जाएगी।

-धर्मपाल सिंह, सिंचाई मंत्री