- बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित दस मॉडल स्कूलों में एक का भी नहीं हुआ चयन

- आज बेसिक शिक्षा मंत्री हर मंडल के सबसे बेहतर मॉडल स्कूलों को करेंगी सम्मानित

- प्रेजेंटेशन देने ही नहीं पहुंचे राजधानी के अधिकतर शिक्षक

<- बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित दस मॉडल स्कूलों में एक का भी नहीं हुआ चयन

- आज बेसिक शिक्षा मंत्री हर मंडल के सबसे बेहतर मॉडल स्कूलों को करेंगी सम्मानित

- प्रेजेंटेशन देने ही नहीं पहुंचे राजधानी के अधिकतर शिक्षक

LUCKNOW :

LUCKNOW :

सरकार की ओर से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नए-नए दावे किए जा रहे हैं, लेकिन राजधानी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल इन दावों की हवा निकालने को काफी हैं। सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की थी, लेकिन शिक्षकों की लापरवाही से यह योजना परवान न चढ़ सकी, जिससे परिषद के स्कूलों के प्रति आम लोगों की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। वहीं राजधानी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्मार्ट <सरकार की ओर से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नए-नए दावे किए जा रहे हैं, लेकिन राजधानी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल इन दावों की हवा निकालने को काफी हैं। सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की थी, लेकिन शिक्षकों की लापरवाही से यह योजना परवान न चढ़ सकी, जिससे परिषद के स्कूलों के प्रति आम लोगों की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। वहीं राजधानी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्मार्ट ((मॉडल) स्कूल सम्मान पाने से वंचित रह गये। दरअसल, शुक्रवार को बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा प्रदेश के स्मार्ट (मॉडल) स्कूलों को शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सम्मानित किया जाना है। इस लिस्ट में राजधानी के एक भी मॉडल स्कूल का नाम शामिल नहीं है।

पहली बार जारी की जा रही मॉडल स्कूलों की लिस्ट

राजधानी में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई कराने वाले स्कूलों के शिक्षक अवार्ड सूची से बाहर हो गए हैं। पहली बार शुरू हुए इस अवार्ड में राजधानी के एक भी स्कूल के शिक्षक का नाम शामिल नहीं है। बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिन स्कूलों के शिक्षकों के नाम जारी किए गए हैं। उन्हें बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जासवाल शुक्रवार को सम्मानित करेंगी।

दस मॉडल स्कूल, एक भी शामिल नहीं

राजधानी में बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन करीब क्8फ्9 प्राइमरी व जूनियर स्कूल संचालित हैं। इनमें से करीब क्0 स्कूलों में शिक्षक स्मार्ट क्लास बनाकर प्रोजेक्टर, लैपटॉप एवं कम्प्यूटर के जरिए बच्चों को पढ़ाते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने तय किया था कि स्मार्ट क्लास वाले स्कूलों के प्रधान शिक्षकों को प्रजेंटेशन देना होगा। इसी आधार पर इनमें से अच्छे और योग्य शिक्षकों का चयन किया जाएगा। बीते अक्टूबर में इस संबंध में सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी किए गए थे।

नहीं पहुंचे सभी शिक्षक

स्मार्ट क्लास से पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रजेंटेशन में शामिल होना था। इसके लिए बीएसए डॉ। अमरकांत सिंह ने क्ख् नवंबर को सभी को बुलाया था। पूरे मंडल से सिर्फ पांच-छह शिक्षक आए, लेकिन लखनऊ से एक भी शिक्षक शामिल नहीं हुए। उसके बाद क्7 नवंबर को प्रजेंटेशन के लिए इन स्कूलों के शिक्षकों को दोबारा से बुलाया गया, जिसमें राजधानी के दस मॉडल स्कूलों में से सिर्फ तीन स्कूलों के ही शिक्षक प्रजेंटेशन देने के लिए पहुंचे, उनकी भी तैयारी आधी-अधूरी थी। यही वजह है कि यह शिक्षक भी सूची में अपनी जगह तक नहीं बना पाएं। एडी बेसिक ने मंडल स्तर से प्रजेंटेशन की मेरिट के आधार पर ख्म् शिक्षकों की सूची निदेशालय भेजी थी। जिसमें लखनऊ मंडल के सिर्फ तीन शिक्षक अवार्ड के लिए चुने गए। इनमें राजधानी के शिक्षकों को जगह नहीं मिली।

लखनऊ मंडल में इन्हें मिलेगा अवार्ड

शिवम शर्मा - प्राथमिक स्कूल भरावन प्रथम हरदोई

रविशंकर तिवारी - प्राथमिक स्कूल नारापुर सीतापुर

अपर्णा देवी - प्राथमिक स्कूल मऊ बागरमऊ, उन्नाव

राजधानी से इन मॉडल स्कूलों को होना था शामिल

स्कूल का नाम शिक्षक का नाम

प्राथमिक स्कूल सरैया बीकेटी निशांत अंजुम

पूर्व प्राथमिक स्कूल लवल मोहनलालगंज श्वेता शुक्ला

प्राथमिक स्कूल धनुवासांड़ मोहनलालगंज दिनेश सिंह

पूर्व प्राथमिक स्कूल महमूदपुर गोसाईगंज रीता यादव

प्राथमिक स्कूल सिकंदरपुर अमौलिया गोसाईगंज अजिता सिंह

पूर्व प्राथमिक स्कूल रायपुर चिनहट ज्योति दीक्षित

पूर्व प्राथमिक स्कूल मखदूमपुर चिनहट बबिता सिंह

पूर्व प्राथमिक स्कूल गड़ेरीयनपुरवा चिनहट लल्ली सिंह

पूर्व प्राथमिक स्कूल मल्हौर फ‌र्स्ट चिनहट संगीता राय

पूर्व प्राथमिक स्कूल मल्हौर सेकेंड चिनहट मोहिनी अंतल