-बेसिक स्कूल्स में पहुंचे बेमेल साइज के जूते

-एक से दूसरे स्कूल में जूतों की हो रही अदलाबदली

VARANASI

बेसिक स्कूल्स के बच्चों को जूते देने की योजना शुरू की थी। लेकिन ऑफिसर्स की लापरवाही सरकार की मंशा पर पानी फेर रहा है। आलम यह कि बच्चों के नाप लिए बिना ही जूते खरीद लिए गए। अब प्राइमरी और जूनियर स्कूल्स में जूते की साइज के हिसाब से बच्चे तलाशे जा रहे हैं। ऐसे में किसी को छोटा तो किसी को बड़ा जूता थमा कर खानापूर्ति हो रही है। शायद ही कोई स्कूल होगा जहां बच्चों की साइज के जूते पहुंचे हों। कई जगह शिकायत के बाद पता चला कि आवश्यकता को दरकिनार कर मनमाने तरीके से जूते उपलब्ध करवा दिए गए। अब इन जूतों की एक स्कूल से दूसरे स्कूल में अदला बदली की तैयारी हो रही है।

डिब्बा अलग, जूता अलग

जूतों की सप्लाई ही नहीं पैकेजिंग में भी बड़े पैमाने पर लापरवाही सामने आ रही है। एक स्कूल के टीचर के अनुसार कई बच्चों के जूतों के डिब्बे खोलने पर लड़कियों के जूते निकले। इतना ही नहीं डिब्बों में जूते भी अलग-अलग नम्बर के थे। मजबूरी में आसपास के विद्यालयों से संपर्क कर जूते बदलने पड़ रहे हैं। वहीं डिब्बे पर साइज कुछ लिखी है और जूते निकल रहे कुछ साइज के।

एक महीने में ही फटे

सेशन स्टार्ट होने के महज दो से तीन महीने हुए हैं और बच्चों को दिए गए जूते फटने लगे हैं। वहीं बेमेल जूते बच्चों के पैर से बाहर आने लगे हैं। जबकि दावा किया गया था कि बच्चों में बांटे गए जूते पूरे सेशन चलेंगे। पर ऐसा दिखायी नहीं दे रहा है। यही स्थित रही तो जूतों की साइज मिलाने तक अधिकतर बच्चों को जूता फट जाएगा।

कई स्कूल्स से गड़बड़ी की शिकायत मिली हैं। सबका निस्तारण करवाया जा रहा है। जूते सप्लाई करने वाली फर्म को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी है तो उसे जल्द से जल्द दूर करवाया जाएगा।

जय सिंह, बीएसए