-ऑटो, टेंपो और वैन ड्राइवर आगे की सीट में तीन से चार बच्चे बैठाकर जाते हैं छोड़ने

-बच्चे अक्सर गिरकर होते हैं चोटिल, पेरेंट्स और स्कूल प्रबंधन नहीं देते ध्यान

सेटेरडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्कूल आने जाने वाले वाहनों का रीयलटी चेक किया तो पता चला कि स्कूलों से बच्चों को लाने वाले ऑटो और वैन ड्राइवर उनको आगे की सीट में बैठाकर ले जाते हैं. ड्राइवर बच्चों की जान जोखिम में डालकर रोज स्कूल छोड़ने जाते हैं. हैरत की बात तो यह है कि आगे की सीट पर एक दो नहीं बल्कि तीन से चार बच्चे बैठा लेते हैं. वैन में तो फिर भी दरवाजा होता है, लेकिन ऑटो और टेंपो खुला होने से बच्चे अक्सर गिरकर चोटिल होते हैं. इस पर ड्राइवर बच्चों को चॉकलेट और बिस्किट का लालच देकर शांत करा देते हैं और बच्चे भी घर जाकर झूठ बोल देते हैं कि खेलते समय चोट लग गई.

स्कूल प्रबंधन ने झाड़ा पल्ला

बच्चों को आगे की सीट पर बैठाने को लेकर जब कुछ स्कूलों के प्रिंसिपल से बात की तो उनका कहना है कि हम क्या कर सकते हैं. हमारी रेसपॉन्सबिलिटी स्कूल के अंदर तक ही है. छुट्टी होने के बाद पेरेंट्स बच्चों को खुद ले जाएं या कोई प्राइवेट व्हीकल लगवाएं, हम कुछ कह नहीं सकते. वह तो पेरेंट्स की रेसपॉन्सबिलिटी है.

पेरेंट्स भी नहीं देते ध्यान

टेंपो, ऑटो और वैन ड्राइवर्स द्वारा बच्चों को अवैध तरीके से लाने के बारे में कई पेरेंट्स को तो जानकारी ही नहीं है और कई जानकारी के बाद भी अनजान बने हुए हैं. इसी का फायदा उठाते हुए यह ड्राइवर्स पीछे की सीट पर जरूरत से ज्यादा बच्चे तो बैठाते हैं ही साथ ही आगे भी ज्यादा बच्चे बैठा लेते हैं.

नहीं चलता अभियान

प्रशासन द्वारा अभियान न चलाए जाने से प्राइवेट वाहन बिना रजिस्ट्रेशन के ही बच्चों को लाने और छोड़ने की जिम्मेदारी उठा लेते हैं. यह मानक से ज्यादा बच्चे बैठा लेते हैं. ट्रैफिक पुलिस इनको रोकने की जहमत भी नहीं उठाती है और न ही कोई कार्रवाई करती है. इससे धड़ल्ले से बेखौफ होकर बच्चों को कहीं भी बैठा लेते हैं.

अक्सर देखा जाता है कि स्कूली वाहनों के ड्राइवर बच्चों को आगे की सीट पर बैठा लेते हैं. इससे बच्चे कभी हादसे का शिकार हो सकते हैं. इसके लिए प्रशासन और पेरेंट्स दोनों को ही अवेयर होने की जरूरत है.

चंगेज खान

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बच्चे घर कैसे जा रहे हैं, स्कूल वालों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए. पहले तो खुद ही उन्हें ड्राइवर को वार्निग देनी चाहिए. न मानने पर पेरेंट्स से शिकायत करनी चाहिए.

समयुन खान

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-प्रशासन को इसके लिए चेकिंग अभियान चलाना चाहिए. चेकिंग के दौरान जिस वाहन में मानक से ज्यादा बच्चे बैठे मिले, उस वाहन का चालान काटना चाहिए और उनका परमिट कैंसिल करना चाहिए.

इसराफील

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पेरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चों को भी बताए कि आगे की सीट में न बैठें. साथ ही ड्राइवर के बारे में पूरी जानकारी करके ही वाहन लगाएं और उसको हिदायत भी दें कि वह ज्यादा बच्चे न बैठाए.

डॉ. शाहजेब हसन