RANCHI: रांची के 294 सरकारी मीडिल व हाई स्कूलों में से 280 में हेडमास्टर ही नहीं हैं। इन स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता, बच्चों का भविष्य और शिक्षकों का करियर सबकुछ दावं पर है। एक दशक से भी ज्यादा समय से ये स्कूल इस समस्या से जूझ रहे हैं। हेडमास्टर के नहीं रहने के कारण स्कूलों में सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारा जा रहा, जिसका खामियाजा सीधे छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। हेडमास्टर के नहीं होने के कारण जहां विद्यार्थियों को खुली छूट है, वहीं शिक्षकों में भी लापरवाही साफ देखी जा सकती है। कई स्कूलों में तो शिक्षक बस हाजिरी बनाने के लिए आते हैं और निकल लेते हैं।

राज्य में 3000 स्कूल बिना हेडमास्टर के

राज्य के करीब 3000 स्कूलों में हेडमास्टर नहीं हैं। मात्र सात प्रतिशत स्कूलों में ही हेडमास्टर पदस्थापित हैं। विभिन्न जिलों में 3226 स्वीकृत पदों के विरुद्ध मात्र 226 हेडमास्टर ही पदस्थापित हैं। यह आंकड़ा शिक्षा के प्रति राज्य में बरती जा रही घोर लापरवाही को दर्शाता है।

10 साल से लटका है प्रोन्नति का मामला

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि विगत 10 वर्षो से प्रोन्नति का मामला लटका हुआ है, जिसके कारण स्कूलों में हेडमास्टरों के पद रिक्त पड़े हैं। कई शिक्षक ऐसे हैं जो तमाम मापदंडों पर खरे उतरते हैं, लेकिन प्रोन्नति मामला लटकने के कारण वे लोग धीरे-धीरे रिटायर होते जा रहे हैं।

चार जिलों में एक भी हेडमास्टर नहीं

चतरा, हज़ारीबाग, सरायकेला, पाकुड़ जैसे जिलों में एक भी स्कूल में हेडमास्टर नहीं हैं। सिमडेगा, जामताड़ा, कोडरमा, पश्चिमी सिंहभूम जिलों में हेडमास्टरों की संख्या मात्र एक है। इन जिलों में शिक्षा का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है, जिसको लेकर डीसी ने कई बार संबंधित पदाधिकारियों को फटकार लगाई है।

जल्द हेडमास्टर विहिन हो जाएंगे सभी स्कूल

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसपर चिंता जताते हुए कहा है कि जल्द ही सभी स्कूल हेडमास्टरविहीन हो जाएंगे। इस संबंध में संघ के द्वारा शिक्षा सचिव को पत्र भेजा गया है जिसमें यह साफ कहा गया है कि कार्यरत प्रधानाध्यापकों में से भी निकट माह में कई लोग रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में स्कूलों में हेडमास्टर ही नहीं होंगे।

वर्जन

प्रोन्नति के मामलों को लेकर माननीय उच्च न्यायालय की कुछ गाइडलाइंस हैं। साथ ही उनपर सुनवाई भी चल रही है। प्राध्यापक के पद पर प्रोन्नति के लिए नियमानुसार ग्रेड 4 लेवल पर 5 वर्षो का अनुभव वांछित है। हालांकि, वर्तमान स्थित को देखते हुए जल्द ही इस मामले पर उचित और आवश्यकतानुसार निर्णय लिए जा सकते हैं।

-एपी सिंह, शिक्षा सचिव