- 1800 बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल

- 41 एडेड जूनियर हाई स्कूल राजधानी में

- 120 के करीब एडेड स्कूल, मदरसा आदि स्कूल

- 2.10 लाख कुल स्टूडेंट

- क्लास 4 से 7 तक की एक भी किताब नहीं हो पाई प्रिंट

- क्लास 3 में इंग्लिश और 8 में इंग्लिश, मैथ और साइंस की किताबें नहीं आई

- दो महीनों की छुट्टी के बाद भी नहीं पूरा हो सका किताबों की प्रिंटिंग का काम

- राजधानी में 60 हजार स्टूडेंट्स बिना किताबों के जाएंगे स्कूल

LUCKNOW : दो माह की गर्मियों की छुट्टी के बाद 2 जुलाई से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल खुल रहे हैं, लेकिन सेशन शुरू होने के तीन माह बाद भी अभी तक प्राइमरी स्कूलों की किताबें प्रिंट नहीं हो सकी हैं। ऐसे में मंडे से स्टूडेंट्स बिना किताबों के स्कूल जाने को मजबूर हैं। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टेंडर में देरी से किताबें अभी तक प्रिंट नहीं हो सकी हैं। उधर, स्कूल के टीचर्स का कहना है कि अगस्त से पहले स्कूलों में किताबों का आना संभव नहीं है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होना लाजमी है।

4 से 7 तक एक भी किताब नहीं हुई प्रिंट

शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा समय में क्लास 4, 5, 6 और 7 की एक भी किताब की प्रिंटिंग का काम पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में इन क्लासेस के स्टूडेंट्स को किताबों के लिए अभी एक मंथ से ज्यादा का इंतजार करना होगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी टीचर्स को आर्डर जारी कर कहा है कि वह सीनियर स्टूडेंट्स की किताबें लेकर जूनियर स्टूडेंट्स को दें जिससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई न प्रभावित हो।

क्लास 3 में इंग्लिश तो 8 में 3 किताबें नहीं मिलीं

वहीं दूसरी ओर क्लास 3 में इंग्लिश को छोड़कर बाकी सभी विषयों की किताबें दे दी गई हैं। वही क्लास 8 में इंग्लिश, मैथ और साइंस की किताबें अभी तक नहीं आई हैं। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही सभी किताबें प्रिंट होकर आएंगी वह वार्ड संसाधन केन्द्र और ब्लॉक संसाधन केन्द्र पर भेज दी जाएंगी।

पूरी किताबें आने पर ही भेजा जाएगा

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी स्कूलों में अगस्त से पहले किताबें दे पाना संभव नहीं है। प्रिंटर के यहां से किताबें आने के बाद स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या के हिसाब से बंडल बनाया जाएगा। जिसमें काफी समय लगेगा। ऐसे में अगस्त में ही किताबें स्टूडेंट्स को मिल पाना संभव होगा।