- सीबीएसई ने मांगी है रिपोर्ट, किसने बनाए हैं हेल्थ क्लब

- देशभर से आठ हजार स्कूलों ने नहीं बनाए हैं हेल्थ क्लब

- रिपोर्ट से पता लगेगा कहां कितने हुए कार्यक्रम

Meerut सीबीएसई स्कूलों में स्टूडेंट हेल्थ क्लब की प्लानिंग पूरी तरह से फेल हो चुकी है। सीबीएसई ने इसपर स्कूलों को सख्ती भरा लेटर लिखा है और स्कूलों से जल्द से जल्द इस संबंध में रिपोर्ट भी मांगी है। देशभर के हजारों पब्लिक स्कूलों में यही चिंता सता रही है कि वह कैसे सीबीएसई को इस प्लानिंग पर अपनी वर्किंग रिपोर्ट भेजें, क्योंकि स्कूलों में अभी तक इस प्लानिंग पर वर्क ही नही हो सका है। हालात तो यह हैं कि काफी स्कूलों में तो हेल्थ क्लब को लेकर चर्चा भी नहीं सकी है।

लास्ट इयर दो सर्कुलर

सीबीएसई ने लास्ट इयर इस संबंध में दो बार सर्कुलर जारी किए थे। स्कूलों को चार पांच पन्नों के दिशा निर्देश भी सीबीएसई की तरफ से दिए गए थे। इस संबंध में पिछले साल के फरवरी और मई में दो बार स्कूलों को सर्कुलर जारी कर स्टूडेंट हेल्थ क्लब बनाने के लिए कहा था। क्लब में पांच स्टूडेंट्स को शामिल करने के साथ ही क्लास छह से इंटर तक के एक एक मेबर को शामिल करने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही स्कूलों में इस क्लब द्वारा विभिन्न तरह के जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी हिदायत दी गई थी। साथ ही प्राथमिक उपचार से संबंधित कार्य भी क्लब को सौंपने की बात सीबीएसई ने कहीं थी। स्कूलों में कराए गए कार्यक्रमों की छोटी सी वीडियो क्लिपिंग भी देने को कहा था।

कुछ नहीं भेजा

देश भर के आठ हजार से अधिक स्कूलों इस संबंध में न तो कोई डॉक्यूमेंट मेल किए हैं और न ही कोई वीडियों क्लीपिंग। अब सीबीएसई ने एक सख्ती भरा सर्कुलर जारी कर स्कूलों से रिपोर्ट मांगी है, लेकिन अभी भी आठ हजार से अधिक स्कूलों ने सीबीएसई को रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सीबीएसई ने एक बार फिर से सख्ती भरा सर्कुलर स्कूलों को अभी दो दिन पहले ही जारी किया है, जिसमें स्कूलों से हर हाल में आने वाले दो मंथ में पूरी रिपोर्ट देने को कहा है। स्कूलों के रिपोर्ट जुटाने में पसीने छूट रहे हैं।

स्कूलों में रिपोर्ट तैयार करके भेजी गई है, अक्सर सभी स्कूलों में हेल्थ से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। कुछ ही स्कूल होंगे जहां कार्यक्रम न हो। सीबीएसई ने अगर रिपोर्ट मांगी है तो स्कूलों द्वारा भेजी जाएगी।

-राहुल केसरवानी, सहोदय सचिव