-कम से कम दो एजेंसी करेगी स्कूलों का इंस्पेक्शन

- रीजनल ऑफिस की भी ली जाएगी मदद

PATNA : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन स्कूलों को एफीलिएशन देने की प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है। सीबीएसई से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि चुंकि मुख्यालय स्तर पर काम का दबाव अधिक होता है इसलिए इस एफीलिएशन देने की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। नयी व्यवस्था में यह कहा जा रहा है कि अब एफीलिएशन देने के लिए निरीक्षण की प्रक्रिया में बोर्ड स्वतंत्र एजेंसी और रिजनल ऑफिस का सहयोग लेगी। हेडक्वार्टर इस मसले पर विचार कर रही है और संभावना है कि यह व्यवस्था जल्द ही लागू हो जाएगी।

एफीलिएशन पाने में होती है देरी

सीबीएसई देा ही स्कूलों को परमानेंट एफीलिएशन देता है। केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय। इन दोनों को स्कूलों को निश्चित अंतराल पर अपना एफीलिएशन रिन्यूअल नहीं कराना होता है। बांकी के प्राइवेट स्कूलों के लिए व्यवस्था अलग है। लेकिन एफीलिएशन देने का काम सिर्फ हेडक्वार्टर स्तर पर होता है। प्राइवेट स्कूलों में सेकेंड्री या फिर हाईयर सेकेंड्री स्कूल हो एफीलिएशन देने का और उसके निरीक्षण का काम सम्बद्धता शाखा ही करती है। लेकिन देखा गया है कि स्कूलों के इंस्पेक्शन में अक्सर लेट होती है और इस कारण से एफीलिएशन का मामला अटका रहता है। इस कारण स्कूल के साथ साथ स्टूडेंट को भी परेशानी होती है। इसकी शिकायत कई बार बोर्ड स्तर पर की भी गयी है।

आउटसोर्सिग से होगा स्कूलों का इंस्पेक्शन

सीबीएसई से जुड़े अधिकारी की माने तो इन्हीं सब कारणो से बोर्ड ने मूल्यांकन और इंस्पेक्शन संबंधी काम अब प्राइवेट एजेंसी से करवाने का मन बनाया है। हां, इसमें रिजनल ऑफिसेस की मदद ली जाएगी। ये प्राइवेट एजेंसी स्कूलों के मूलभूत सुविधाओं, भवन, संसाधन, शिक्षक आदि चीजों का पड़ताल करेगी। पड़ताल के बाद एजेंसी को तय सीमा के अंदर रिपोर्ट हेडक्वार्टर को सौंपना होगा। इंस्पेक्शन का काम कम से कम दो एजेंसी को देने की बात सामने आ रही है। दोनों ही एजेंसी के रिर्पोट के मिलान के बाद ही हेडक्वार्टर एफीलिएशन देगी।

तो जल्द मिल जाएगा एफीलिएशन

कई बार शिकायत मिलती है कि निरीक्षण दल के साथ स्कूलों की साठगांठ होती है इस कारण से जांच में पारदर्शिता नही होती है। साथ ही एफीलिएशन मिलने में देरी का एक कारण बोर्ड स्तर से यह दिया जाता है कि अभी पर्याप्त स्टाफ नहंी है। लेकिन नयी व्यवस्था के बाद से इन सभी आरोपों पर विराम लगेगा। साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय भी स्कूलों पर नजर रख सकेंगे। वहीं मुख्यालय स्तर पर भी काम काज का दबाव घटेगा।