कई स्कूलों ने यूनिफार्म चेंज कर दिए

कुछ भी हो लेकिन उन्हें स्कूल की हर डिमांड को पूरी करनी पड़ती है। हर साल की तरह इस साल भी कई स्कूलों ने यूनिफार्म चेंज कर दिया है। कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां पर वीक में एक स्टूडेंट्स चार से पांच यूनिफार्म यूज करने होते हैं।

दो दिनों में दूसरी यूनिफार्म

मंडे-ट्यूज्डे पहली, वेडनेसडे-थर्सडे दूसरी और फ्राइडे-सैटरडे तीसरी यूनिफार्म, यही है प्राइवेट स्कूलों का नया फंडा। यह हाल किसी एक स्कूल का नहीं बल्कि मैक्सिमम स्कूल इसी पैटर्न पर हैं। इस संबंध में ड्रेस सेलर राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि स्कूलों द्वारा गार्जियन की परेशानी तो होती ही है, हमलोगों का सबसे अधिक लॉस होता है। हर साल यूनिफार्म चेंज करने से हमारा पहले का माल डंप हो जाता है।

सीजन वाइज होता है यूनिफार्म

न्यू सेशन में तो यूनिफार्म चेंज मस्ट बनता जा रहा है तो साल भर भी सीजन डिमांड पर भी यह चेंज होता रहता है। बरसात में अलग यूनिफार्म, तो सर्दियों का हिसाब अलग है। यूनिफार्म के साथ शूज और सॉक्स भी चेंज होते हैं। इस संबंध में ज्ञान गंगा लिमिटेड के अनिल कुमार ने बताया कि अभी गर्मी के परपस से यूनिफार्म आए हैं और इसके बाद बरसात में शूज चेंज होते हैं। इसके अलावा विंटर्स में भी कुछ स्कूलों की यूनिफार्म में चेंज होते हैं।

Schools of variety uniform

डान बास्को एकेडमी : वीकली चार यूनिफार्म

बाल्डविन एकेडमी : वीकली तीन यूनिफार्म

लोयेला हाई स्कूल : वीकली पांच यूनिफार्म  

इंटरनेशनल हाई स्कूल : वीकली चार यूनिफार्म

सेंट जेवियर हाई स्कूल : वीकली पांच यूनिफार्म

डीपीएस : वीकली चार यूनिफार्म

रेडिएंट इंटरनेशनल हाई स्कूल : वीकली तीन यूनिफार्म

डीएवी : वीकली चार यूनिफार्म

बच्चे यूनिफार्म पहनते-पहनते परेशान हैं और गार्जियन साफ करते-करते। एक स्टूडेंट्स को चार-चार यूनिफार्म है। इसे मेंटेन करना ही मुश्किल काम है।

पूनम कुमारी, गार्जियन, बेली रोड

हर दो महीने पर यूनिफार्म लेना पड़ता है। एक पर दो हजार के उपर खर्च आता है। अभी न्यू सेशन में यूनिफार्म खरीदा लेकिन बरसात में भी यह बदल जाता है।

कामेश्वर प्रसाद, गार्जियन, बेली रोड

हमलोग तो साल भर यूनिफार्म ही खरीदते रह जाते है। एक डे्रस के साथ उसके एक्सेसरीज भी खरीदनी पड़ती है। चेंज करने के बाद यूनिफार्म स्कूल से ही लेना होता है।

सुबोध सिंह, गार्जियन, कंकड़बाग

यूनिफार्म के बारे में तो बात ही करना बेवकूफी है। हर साल स्कूल वाले यूनिफार्म चेंज कर रहे है। यूनिफार्म खरीदते-खरीदते हमारी जेब ढ़ीली हो चुकी है।

पप्पू सिंह, गार्जियन, पाटलिपुत्र कॉलोनी

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