- डीआईओएस की बैठक में आधी अधूरी जानकारी के साथ पहुंचे स्कूल प्रबंधक, प्रिंसिपल
- बैठक के पहले दिन 10 स्कूलों को रिकार्ड के साथ डीआईओएस ने बुलाया, पहुंचे 9 स्कूल
BAREILLY:
फीस पर लगाम लगाने के लिए लाए गए अध्यादेश को कमजोर बनाने के लिए स्कूल ओनर्स को कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पेरेंट्स की शिकायतों के बाद नोटिस का जवाब देने में डेढ़ माह से आनाकानी कर रहे स्कूल्स को डीआईओएस ने मंडे को तलब किया, तो यहां भी आदेश को ठेंगा दिखाने से वह बाज नहीं आए। दस में सिर्फ 9 स्कूल के ओनर्स पहुंचे। वह भी अधूरी सूचनाओं के साथ, जिससे शिकायतों पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। कानून की भाषा समझ में न आने का बहाना कर रहे स्कूल ओनर्स को डीआईओएस ने फटकार लगाई, तो उन्होंने 20 जून तक सभी सूचनाएं उपलब्ध कराने का वादा किया है।
इन बिंदुओं पर मांगा डाटा
शासनादेश के अनुसार शुल्क निर्धारण कमेटी ने 4 प्रमुख बिन्दुओं का डाटा स्कूलों से तलब किया था। जिसकी डिटेल्स वर्ष 2016 से देनी है। यह वह डाटा जिनकी सूचना देते ही स्कूल ओनर्स का काला चिट्ठा उजागर हो जाएगा।
1- स्कूल के मान्यता से जुडे़ सभी डॉक्यूमेंट्स । मौजूदा समय में स्कूल में क्या क्या विकास कार्य हुए या हो रहे है।
2- वर्ष 2016 से स्कूल की फीस डिटेल्स, कितनी रुपए और कब किस मद में इजाफा किया गया। साथ ही स्टूडेंट्स को दी जा रही फीस रसीद की फोटो कॉपी भी देना है।
3- स्कूल में पढ़ा रहे टीचर्स की संख्या उनकी डिग्री व स्टूडेंट्स का क्लास व सेक्शन वाइज ब्योरा, स्कूल की बेवसाइट पर क्या डाटा अपलोड किया ।
4- टीचर्स का मानदेय किस आधार पर दे रहे है। पिछले 4 साल से पढ़ा रहे या पढ़ा चुके टीचर्स को दिए गए मानदेय का रिकॉर्ड। टीचर्स के बैंक अकाउंट की डिटेल, जिसमें मानदेय जा रही है।
1- अधूरी जानकारी के साथ पहुचे दीपक अग्रवाल
बीबीएल स्कूल अलखनाथ ब्रांच से प्रिंसिपल दीपक अग्रवाल ने स्कूल का डाटा सौंपा। चार बिंदुओं की डिटेल्स की बजाय चालू सत्र की फीस का ही रिकॉर्ड लेकर गए थे। टीचर्स की एलिजिबिलिटी, मानदेय, स्टूडेंट्स की संख्या और स्कूल में डेवलपमेंट का कोई कागज साथ में नहीं ले गए थे। तर्क था कि अध्यादेश की भाषा उन्हें समझ में नहीं आ रही है।
डीआईओएस- शासन ने डाटा तैयार करने के लिए पहले ही आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में, कोई कन्फ्यूजन था तो पहले ही मुलाकात करनी चाहिए थी। डाटा तुरंत कलेक्ट कर उपलब्ध कराइए।
2- बहाने बनाते रहे प्रबंधक राजीव ढींगरा
अल्मा मातेर स्कूल के प्रबंधक राजीव ढींगरा चालू शैक्षिक सत्र को छोड़कर बीते तीन वर्षो का कोई भी डाटा लेकर नहीं आए थे। वह भी सिर्फ फीस का अधूरा डाटा था। डाटा पूरे न होने के लिए वह समर वेकेशन का बहाना बनाते नजर आए।
डीआईओएस - 20 जून तक स्कूल के हिसाब किताब की हार्ड कापी जमा कर दीजिए। इसके बाद अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा। समर वेकेशन बेवजह की बात है, छुटटी में भी आफिस खुलते हैं।
3- बासू बरल ने मांगा 20 जून का समय
बासू बरल स्कूल की तरफ से पहुचे टीचर स्कूल का पुराना रिकॉर्ड नहीं दिखा पाया। स्कूल में छुटटी होने का बहाना बनाते रहे। मुश्किलों से साल 2018 का डाटा लाए वह भी सिर्फ फीस की डिटेल्स थी। तीन अन्य बिन्दुओं का कोई भी डाटा नहीं दिखा पाए।
डीआईओएस - सभी चार बिंदुओं को गिनाकर रिकॉर्ड लाने के लिए कहा। बताया कि किस नियम व आधार पर डाटा जमा करना है। इसके लिए स्कूल को 2 दिन का अतिरिक्त समय दिया है।
4- माथा पकड़ के बैठ गए डीआईओएस
इसी समय राधा माधव , बिशप कॉनराड, सोबती पब्लिक स्कूल की तरफ से शिक्षकों ने अपने स्कूल का अधूरा डाटा ही भेजा। ये देखकर डीआईओएस ने माथा पकड़ लिया। स्कूल की इस गलती पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी हैरानी जताई । इन तीनों स्कूलों ने सिर्फ इसी साल का रिकॉर्ड दिया। वह भी सिर्फ स्कूल की फीस ही भेजी, जिसमें साफ नहीं हुआ कि इस बार कितने प्रतिशत फीस बढ़ाई गई है।
डीआईओएस - इन स्कूल्स के ओनर्स को फटकार लगाने के बाद उन्हें 2 दिन का समय दिया। कहा कि सभी चार बिंदुओं का डाटा साथ लेकर ही आइएगा। यदि अब डाटा अधूरा मिला तो अध्यादेश अनुसार कार्रवाई होगी ।
5- सेक्रेड हार्ट्स ने नहीं दिखाया पिछला रिकॉर्ड
12 बजे सेक्रेड हार्ट्स स्कूल के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर निर्भय बेनीवाल स्कूल की तरफ पहुंचे । बीबीएल स्कूल के रिकॉर्ड की देखा देखी पर ही अपना डाटा तैयार किया। फीस के अलावा इनके पास स्कूल का कुछ भी हिसाब किताब नहीं था। पुराने टीचर्स के डाटा न होने की बात कहीं। बोले की इनके पास पुराने टीचर्स का कोई डाटा नहीं है। क्योंकि कई टीचर्स जॉब छोड़कर जा चुके हैं।
डीआईओएस - आप 2 दिन में जल्द ही रिकॉर्ड दे, । टीचर्स नौकरी छोड़कर जा चुके है तो इनका डाटा तो आफिस में जरूर होगा। वहीं जमा करें ओर जो पढ़ा रहे है उनका पूरा डाटा चाहिए।
6-- बोले प्रबंधक , सर आपसे मिलने आया हूं
करीब सवा 12 के समय पदमावती एकेडमी प्रबंधक पारुष अरोरा मीटिंग में पहुंचे। वह भी खाली हाथ। डीआईओएस ने जब उनसे स्कूल का हिसाब मांगा तो जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा मैं तो बस आपसे मिलने आ गया था। स्कूल का हिसाब किताब शाम तक जमा करा दूंगा। लेकिन शाम तक स्कूल की तरफ से डिटेल्स लेकर कोई नहीं पहुंचा।
डीआईओएस - मैं शाम तक आफिस में बैठा हूं, किसी से डाटा भेजवाकर दफ्तर में जमा कराइए। आज शाम तक आपको सभी डाटा जमा करना है।
7-जीआरएम को लगी जमकर फटकार
करीब सवा 1 बजे बैठक समाप्त हो चुकी थी ,
सबसे आखिर में जीआरएम स्कूल से कर्मचारी हाथ में कुछ पन्ने लेकर डीआईओएस आफिस पहुचे । डीआईओएस ने जब डॉक्यूमेंट्स की जांच की तो वह अधूरे मिले। चालू शैक्षिक सत्र की थोड़ी बहुत फीस डिटेल्स के अलावा उनके पास कुछ भी न था। शाम तक डिटेल्स देने की मोहलत भी मिली लेकिन स्कूल से कोई नहीं पहुंचा।
डीआईओएस - स्कूल के तरफ से आए दोनों कर्मचारियों को फटकार लगाने के बाद पूछा कि प्रबंधन की तरफ से कोई क्यों नहीं आया। दोपहर 3 बजे तक 4 साल का पूरा डाटा जमा करिए। नहीं तो स्कूल पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अब कोई बहाना नहीं चलेगा।
वुडरो स्कूल अब्सेंट रहा
वुडरो स्कूल से कोई प्रतिनिधि मीटिंग में न आने पर डीआईओएस बेहद खफा दिखे। उन्होंने इसकी इत्तिला डीएम को भी दी। साथ ही, मेसेज दिया कि आदेश के अनुपालन की अनदेखी पर मान्यता रद कर दी जाएगी।
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वर्जन
फोटों है।
किसी भी स्कूल ने हमें पूरा डाटा नहीं दिया है। सभी बहाने बना रहे हैं। जो डाटा भेजा वह भी अधूरा है। वुडरो स्कूल से कोई नहीं आया था। इसकी जानकारी जिला अधिकारी को दे दी गई है। वुडरो स्कूल को अगली डेट पर दोबारा बुलाया गया है।
डॉ। अचल कुमार मिश्रा
डीआईओएस
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फोटो है।
जिन स्कूल्स से डाटा जमा हो रहे हैं। इनकी जांच भी शुरू कर दी हैं। यदि किसी भी स्कूल के डाटा में गड़बड़ी मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आज की बैठक में कोई भी स्कूल हमारे पूरे सवालों का जवाब नहीं दे सका।
तनुजा मिश्रा
बेसिक शिक्षा अधिकारी
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सभी स्कूल का रिकार्ड तैयार है। विभाग ने जो जानकारी मांगी है वह दे दी जाएगी। सभी स्कूल्स पहले ही अपना रिकॉर्ड ऑन लाइन कर चुके हैं। हमारा रिकार्ड सीबीएसई बोर्ड में भी जमा है। किसी भी स्कूल ने नियम विरुद्ध फीस नहीं बढ़ाई है। बात है शिक्षकों के रिकॉर्ड की है तो उसे भी जल्द दे दिया जाएगा।
पारुष अरोरा
इंडीपेंडेंस ऑफ स्कूल एसोसिएशन