-लंबी छुट्टियों के बाद वेडनसडे से स्कूलों में लौटी रौनक

-पैरेंट्स, स्टूडेंट्स के साथ स्कूलों के सिर पर भी बढ़ा बोझ

-कोर्स पूरा कराने से लेकर रिवीजन पर रहेगा फोकस

ALLAHABAD: ऐसा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि ठंड चली गई है। बुधवार को धूप निकली तो दिन का पारा क्8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। लेकिन, रात के तापमान का कहर जारी है। बुधवार को न्यूनतम तापमान भ्.ब् डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सुबह जबरदस्त कोहरा रहा। लेकिन, आखिर स्कूलों को कब तक बंद रखा जा सकता है। एक महीने की बंदी से एनुअल एग्जाम की तैयारियां आलरेडी पिछड़ चुकी हैं। कोर्स इन्कम्प्लीट है। एडमिनिस्ट्रेशन के डिसीजन के साथ पैरेंट्स भी नजर आए। उन्होंने भी बच्चों को स्कूल भेजने में कोई रिस्क नहीं लिया। इससे स्कूल गुलजार हो उठे। पहले ही दिन कोर्स पिछड़ने की टेंशन का असर टीचर्स, पैरेंट्स के साथ बच्चों पर भी देखने को मिला।

फिर से करानी पड़ेगी तैयारी

सर्दी के चलते छुट्टियां अचानक घोषित हुई थीं। स्कूलों को उम्मीद थी कि बीच में धूप निकलेगी तो स्कूल खुल जाएंगे। इसके चलते बच्चों को होमवर्क भी ज्यादा नहीं दिया गया था। इसका असर यह हुआ कि बच्चों ने छुट्टियों को खूब एंज्वॉय किया लेकिन रिवीजन और कोर्स के मामले में पिछड़ गए। जीएचएस के जूनियर सेक्शन में बेटी को स्कूल से रिसीव करने पहुंचीं लूकरगंज की अंबर ने बताया कि बच्चों में अधिक प्रॉब्लम ये होती है कि इतनी लंबी छुट्टी में जितना उन्होंने पढ़ा था, सब भूल गए हैं। छुट्टी के चलते एग्जाम का कोर्स तो कम नहीं होगा। पढ़े हुए कोर्स का रिवीजन कराना और बचे कोर्स को तैयार कराना बेहद टफ वर्क है। आज सुबह बेटी को स्कूल भेजने में भी मुश्किल हुई। क्योंकि, लम्बी छुट्टियों के चलते बच्चों में रेग्युलर स्कूल जाने की आदत भी छूट गई है। स्कूलों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वे एग्जाम तो पूरे कोर्स के आधार पर ही कराएंगे।

एक्टीविटी नही सिर्फ पढ़ाई

विंटर वोकेशन के बाद स्कूल खुलने पर सिटी के स्कूलों के प्रिंसिपल ने कोर्स को पूरा कराने या रिवीजन पर अधिक फोकस करने के लिए टीचर्स के साथ मीटिंग की। वाईएमसीए सेनेटरी स्कूल एंड कालेज की प्रिंसिपल रीमा मसीह ने भी वेडनसडे को सभी कोआर्डिनेटर के साथ मीटिंग की। इसमें उन्होंने एक्टीविटीज पर ब्रेक लगाने और रीविजन व कोर्स पूरा कराने पर फोकस करने को कहा। वाईएमसीए के साथ ही महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर, ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज, बिशप जार्ज स्कूल एंड कालेज समेत अन्य स्कूलों में भी कुछ ऐसे ही प्लान पर काम हुआ।

कोर्स कम्प्लीट करने को स्कूलों का प्लान

-स्कूल में एक्सट्रा क्लास की व्यवस्था ताकि एग्जाम से पहले कोर्स पूरा हो और रिवीजन का भी मौका मिले

-ग्रेडिंग परीक्षाओं की डेट बढ़ा दी जाय

-क्लास सिक्स से एर्थ तक के स्टूडेंट्स का फार्मेटिव असेसेंट किया जाएगा।

-सभी एक्टीविटीज को रोककर क्लासेज में अधिक से अधिक रिवीजन के कार्य पर स्टूडेंट्स का फोकस करना

प्रिंसिपल के वर्जन

-छुट्टियों के कारण फारमेटिव एग्जाम पोस्डपोंड करना पड़ा। ख्म् जनवरी के कार्यक्रम को भी शार्ट किया गया है। सीबीएसई से स्कूल को मिली प्रैक्टिकल एग्जाम की डेट बढ़ाने के लिए रिक्वेस्ट की गई है। स्कूल में कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं का सेंटर बनाया गया था, उसे भी कैंसिल करने के लिए लेटर भेजा गया है।

-रीमा मसीह

प्रिंसिपल वाईएमसीए सेनेटरी स्कूल एंड कालेज

-सिलेबस पिछड़ गया है। इसे पूरा कराने के लिए एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था भी की गई है। पैरेंट्स को भी ध्यान देने के लिए बात की जा रही है। वैसे हमने छुट्टियों के बढ़ने की दशा में स्कूल की वेबसाइट पर पूरा सिलेबस दे दिया था। क्भ् फरवरी को ग्रेडिंग परीक्षाएं शुरू होनी थी, जिसे तैयारियां पूरी न होने के कारण बढ़ा दिया गया है।

-सुष्मिता कानूनगो,

प्रिंसिपल महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर

-हमारे यहां कोर्स तो हाफ इयरली एग्जाम के पहले ही पूरा कर लिया गया था। लंबी छुट्टियों के कारण रेग्युलर स्टडी की कांटीन्यूटी खत्म हो गई है। इससे कोर्स रिवीजन का काम दस दिनों तक पिछड़ गया। स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था है। लेकिन, दिन छोटा होने के कारण उसमें भी दिक्कत आ रही है। फिर भी स्कूल पूरी तरीके से तैयारी कराने में लगे हुए हैं।

-प्रदीप त्रिपाठी,

प्रिंसिपल ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज, सिविल लाइंस

पैरेंट्स की भी बढ़ी टेंशन

-लंबी बंदी से बच्चे जो पढ़े थे वह भी ज्यादातर भूल चुके हैं। एग्जाम सर पर है। ऐसे में स्कूल होम वर्क को पूरा कराना और बच्चों को पढ़ा हुआ फिर से तैयार कराना बेहद मुश्किल वर्क है।

अंबर, लूकरगंज

-बचा हुआ सिलेबस पूरा कराएं और पुराने सिलेबस को पूरा रिवाइज करना बड़ा चैलेंज है। स्कूल तो सिलेबस के अनुसार ही सवाल पूछेंगे। छोटे बच्चों के साथ समस्या अधिक रहती है।

-अमित मालवीय

-इतनी लंबी छुट्टी से बच्चों को समय से स्कूल जाने की आदत छूट गई है। उन्हें रुटीन पर लाना ही मुश्किल है। आज ही स्कूलों ने होमवर्क का एक्स्ट्रा प्रेशर डाल दिया है। अब तो हमारा प्रेशर और बढ़ गया है।

-प्रीति पाण्डेय