आई एक्सक्लूसिव

मेरठ। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने यूपी बोर्ड के स्कूलों में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने के निर्देश दिए थे। स्कूलों की ओर से इस निर्देश को हवा में उड़ा दिया गया है। इस पर सख्त संज्ञान लेते हुए डीआईओएस ने सभी स्कूलों को एक हफ्ते में व्यवस्था का पालन करने का अल्टीमेटम दे दिया है।

 

यह है निर्देश

शिक्षकों सहित स्कूल के अन्य स्टाफ की हाजिरी बायोमेट्रिक होगी। जिले में संचालित एडेड, सहित अशासकीय सहायता प्राप्त तथा वित्त विहीन स्कूलों को सीसीटीवी व बायोमेट्रिक के लिए विकास मद से खर्च करना होगा, जबकि राजकीय स्कूलों को आकस्मिक व्यय व ब्वायज फंड से की जाएगी। जबकि वित्तविहीन स्कूलों में यह व्यवस्था मैनेजमेंट की ओर से पर्सनल सोर्स से करवाई जाएगी। वहीं बोर्ड का यह भी कहना है कि नए स्कूलों में (मान्यता के लिए आवेदन करने वाले) भी इस नियम के तहत ही संचालित होंगे।

 

देनी होगी ऑनलाइन रिपोर्ट

बोर्ड का मानना है कि अप्रिय घटनाएं होने पर स्कूलों की इमेज धूमिल न हो इसके लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं। अभी तक स्कूलों की चारदीवारी, कक्षाएं और छात्र संख्या के आधार पर बोर्ड से मान्यता हासिल की जा सकती थी। लेकिन माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सब कुछ ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत सभी स्कूलों को प्रत्येक जानकारी ऑनलाइन देनी होगी। प्रत्येक कक्षा में सीसीटीवी है कि नहीं इसकी भी जानकारी देनी होगी। साथ ही डीआईओएस द्वारा गठित जांच कमेटी प्राप्त जानकारियों का सत्यापन करेगी।

 

देखने में आया है कि स्कूलों ने अपने यहां निर्देश देने के बाद भी सीसीटीवी और बायोमेट्रिक मशीनें नहीं लगवाई हैं। मुख्यमंत्री के इसको लेकर सख्त निर्देश आ चुके हैं। हमने स्कूलों को एक हफ्ते का टाइम दिया है।

सरदार सिंह, कार्यवाहक डीआईओएस, मेरठ।