- स्टूडेंट्स को स्कूलों में दिखाया गया मंगलयान का सफर

- वैज्ञानिक और पीएम मोदी को दी सफलता के लिए बधाई

Meerut: बुधवार का दिन देश के लिए एक खास दिन रहा। अब भारत भी अमेरिका और रूस के बराबर में आकर खड़ा हो गया। जब भारतीय अंतरिक्ष यान की मंगल यात्रा सफल हो गई। इस सफलता के लिए पीएम मोदी ने इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) के वैज्ञानिकों को बधाई दी। साथ ही देश भर के स्कूलों में इस मंगलयान की यात्रा का दृश्य देखा गया। मेरठ में भी सिटी के दीवान पब्लिक स्कूल और एनएएस इंटर कॉलेज में प्रोजेक्टर के थ्रू बच्चों को इस सफल यात्रा का दृश्य दिखाया गया।

दीवान पब्लिक स्कूल

इसरो का मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) बुधवार को पूरा हो गया। जब इस मंगलयान ने मंगल गृह में सफलता पूर्वक प्रवेश किया। इसको लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलूर में पहुंचकर वैज्ञानिकों को इस सफलता पर बधाई दी। इस मंगल यात्रा को लेकर मेरठ में दीवान पब्लिक स्कूल में इसका डेमोस्ट्रेशन किया गया। जहां बच्चों को प्रोजेक्टर पर इसकी पूरी प्रक्रिया दिखाई गई। उड़ान भरने से लेकर मंगल कक्षा में प्रवेश करने तक की पूरी घटना दिखाई गई। इस सफलता के साथ ही बच्चों को भी वैज्ञानिक बनकर देश के लिए कुछ करने को उत्साहित किया गया।

एनएएस कॉलेज

एनएएस कॉलेज में साइंस टीचर दीपक शर्मा ने भी बच्चों के लिए अच्छी खासी व्यवस्था की थी। जहां उन्होंने प्रोजेक्टर पर मंगलयान से जुड़ी सभी घटनाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने मंगल तक की स्पेस यात्रा को बड़े ही सहज तरीके से बताया। इस दौरान उन्होंने अपने ही स्कूल के एक स्टूडेंट्स द्वारा पीएसएलवी प्रोजेक्ट को दिखाया। जिसमें मंगल तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया दर्शाई गई थी। इसके साथ ही आने वाले समय में होने वाले बदलाव को भी बताया गया। कहा कि यह तो एक शुरुआत है। अभी मंगल से भी आगे जाना है।

आज हमारे स्कूल में मंगल यात्रा पर बच्चों को प्रोजेक्टर के थ्रू उसकी कार्यप्रणाली दिखाई गई। इस मंगल यात्रा को लेकर जहां पीएम ने बधाई देते हुए मंगल कामना की है। वहीं बच्चों में भी इसको लेकर काफी उत्साह रहा। हमारे स्कूल में बच्चों ने इस सफलता का पूरा सीन देखा।

- एचएम राउत, प्रिंसीपल दीवान पब्लिक स्कूल

हमने बच्चों को इस मंगल यात्रा के बारे में जानकारी दी। साथ ही प्रोजक्टर पर पूरी यात्रा का सीन दिखाया। साथ ही पीएसएलवी पर बनाए गए एक प्रोजेक्ट को भी बच्चों को दिखाया। जो इस मंगल मिशन पर अब से पंद्रह साल पहले तैयार किया गया था।

- दीपक शर्मा, विज्ञान टीचर, एनएएस इंटर कॉलेज