इलाहाबाद विश्व विद्यालय में तैयार हुआ तीन मंजिला भवन, 12 करोड़ की मशीन जर्मनी से मंगाई गई

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में व्यवहारिक एवं संज्ञानात्मक विज्ञान केन्द्र पूरी तरह से बनकर तैयार है। केन्द्र के निर्माण के लिए विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय ने लगभग 17.5 करोड़ रुपए जारी किए थे। इस पूरे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट देने तथा केन्द्र के उद्घाटन का निमंत्रण पत्र देने कुलपति के ओएसडी डॉ। चितरंजन कुमार ने रविवार को दिल्ली में विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री डॉ। हर्षवर्धन से मुलाकात की।

आईआईटी में ही है ऐसा केंद्र

मंत्री ने हर्ष व्यक्त किया है कि मात्र एक साल की अवधि में ही विवि ने केन्द्र की इमारत तैयार कर लिया तथा आवश्यक उपकरण भी लगा दिए गए। केन्द्र में तकरीबन 12 करोड़ की एक मशीन जर्मनी से आई है जो मानव मस्तिष्क की स्कैनिंग कर मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करेगी। ऐसे केन्द्र आईआईटी कानपुर तथा आईआईटी गांधीनगर में हैं। फिलहाल इस केन्द्र में चार फैकेल्टी मेंबर, 15 शोध छात्र और 40 पीजी के छात्र हैं।

डॉ। हर्षवर्धन करेंगे उद्घाटन

केन्द्र में डॉ। नारायणन इस बात का अध्ययन करेंगे कि ध्यान और योग के समय हमारा मस्तिष्क कैसे काम करता है? प्रो। भूमिका खार इस बात का अध्ययन करेंगी कि दो भाषाओं का प्रयोग करते समय हमारा मस्तिष्क कैसे कार्य करता है? प्रोजेक्ट की लागत जिसमें 12 करोड़ की मशीन के अलावा बाकी राशि से बिल्डिंग, फर्नीचर, एसी और लिफ्ट का निर्माण हुआ है। उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री डॉ। हर्षवर्धन तथा विवि के कुलपति प्रो। रतनलाल हांगलू द्वारा फरवरी में किया जाएगा।