इससे वे आईंसटाइन, न्यूटन और स्टीफन हॉकिंग जैसे वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हो गए हैं। रॉयल सोसायटी के अध्यक्ष सर पॉल नर्स ने कहा, ''रॉयल सोसायटी के फेलोशिप के लिए चुने गए वैज्ञानिक दुनिया के बेहतरीन वैज्ञानिकों में से हैं।

वे न्यूटन, डारविन और आईंस्टाइन जैसे दिग्गजों के पद चिन्हों पर चल रहे हैं और मैं इनका हमारे यहां स्वागत करता हूँ.'' विज्ञान में विशिष्टता के लिए जिंदगी भर के लिए चुने गए फैलो में 80 नोबेल विजेता शामिल हैं।

बैंगलौर स्थित नैश्नल सेंटर फॉर बायलॉजिकल साइंसिस के निदेशक प्रो विजय राघवन को भारतीय जीव-विज्ञान में श्रेष्ठता को सफलतापूर्ण तरीके से बढ़ावा देने में प्रेरणात्मक नेतृत्व के लिए जाना जाता है।

एलएचसी का निर्माण

प्रो विर्दी को लार्ज हेड्रोन कोलाइडर (एलएचसी) में विशाल सीएमएस प्रयोग के डिजाइन और निर्माण में उनकी 'उत्कृष्ट' भूमिका के लिए जाना जाता है।

साल 1990 के आसपास उन्होंने चार सहयोगियों के साथ मिलकर सीएमएस की शुरुआत की थी और अब इसमें 38 देशों से 3,000 से अधिक सहभागी हैं।

भारतीय मूल के बाकी वैज्ञानिकों में ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वरिंदर सिंह अग्रवाल, केमब्रिज यूनिवर्सिटी के शंकर बालासुब्रहमण्यम, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के चंद्रशेखर भालचंद्र खरे और टेक्सैस यूनिवर्सिटी के प्रो मथुकुमाली विद्यासागर शामिल हैं।

International News inextlive from World News Desk