स्कूटर चोरी का मुकदमा चल रहा था कोर्ट में, 21 साल पुरानी घटना

दरोगा को पेश करने का आदेश हुआ तो दबिश देने पहुंची पुलिस, खुला सच

<स्कूटर चोरी का मुकदमा चल रहा था कोर्ट में, ख्क् साल पुरानी घटना

दरोगा को पेश करने का आदेश हुआ तो दबिश देने पहुंची पुलिस, खुला सच

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: ख्क् सालों से चल रहे स्कूटर चोरी के मुकदमे में शनिवार को अचानक यू टर्न आ गया। परिस्थितियों के चलते कोर्ट को मुकदमे को दाखिल दफ्तर करने का आदेश देना पड़ गया। इस प्रकरण ने पुलिस की फजीहत जरूर करा दी। कोर्ट डेट पर डेट लगाता रहा। यहां तक समन और वारंट भी जारी कर दिया गया। वह भी उसके खिलाफ जो दस साल पहले इस दुनिया को अलविदा कह चुका था। यह राज भी तब खुला जब कोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए एसएसपी को आदेश दिया कि वह दरोगा को कोर्ट में पेश करना सुनिश्चित करें।

क्99भ् में दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट

यह मामला दस मई क्99भ् को सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ था। कर्नल वाईसी चोपड़ा ने तहरीर देकर पुलिस को बताया था कि वह अपनी बजाज सुपर स्कूटर से किसी काम से सिविल लाइंस आए थे। रेमंड शो रूम के पास उन्होंने अपनी स्कूटर को पार्क किया था। काम निबटाकर लौटे तो स्कूटर गायब था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर ली और छानबीन शुरू कर दी। विवेचना के बाद पुलिस ने महेंद्र कुमार नाटे को अभियुक्त बनाते हुए आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। इसके बाद पुलिस ठंडी पड़ गई। विवेचक का तबादला हो गया और दूसरे पुलिसवालों ने इसे नोटिस नहीं लिया। आरोप पत्र पेश होने के बाद भी आरोपी महेन्द्र कुमार नाटे कोर्ट में न तो पेश हुआ और न ही उसकी तरफ से कोई अर्जी आई। यह स्थिति ख्क् सालों तक बनी रही। उसकी गैरहाजिरी को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने उसके खिलाफ सम्मन, वारंट व गैर जमानती वारंट तक जारी कर दिया। लेकिन, कोई रिस्पांस नहीं आया। पुलिस ने कभी भी तामीला अथवा अदम तामीला की आख्या भी कोर्ट में नहीं पेश की। इससे न पुलिस को पता चला और न ही कोर्ट की आरोपी इस दुनिया में नहीं रहा।

इंस्पेक्टर को तलब किया

इसके बाद कोर्ट ने एसएसपी को पत्र लिखने के साथ सिविल लाइन इंस्पेक्टर को तलब किया। इसके बाद पुलिस अधिकारी जाग गए। फाइलें पलटी जाने लगी। डिटेल मिली तो आरोपी के घर पुलिस की टीम भेजी गई। इस डर में कि आरोपी को पेश करने पर ही इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। इंस्पेक्टर के निर्देश पर थाने से पुलिस टीम नाटे के घर दबिश देने पहुंची तो पता चला कि वह मर चुका है। मोहल्ले की उर्मिला, अवधेश मौर्या, सुभाष आदि ने पुलिस टीम को बताया कि नाटे की मौत तो दस साल पहले हो गई। टीम ने वहां से लौटकर इंस्पेक्टर को रिपोर्ट दी। इंस्पेक्टर की ओर से कोर्ट को मामले की जानकारी दी गई, जिसपर कोर्ट ने आदेश पारित किया।