- पूर्व एमडी, जीएम, चीफ इंजीनियर और मुख्य लेखाकार के घरों पर ईडी ने किया सर्च ऑपरेशन

- कई अहम दस्तावेज बरामद, देर शाम तक चलता रहा सर्च

LUCKNOW: शुक्रवार को इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) ने लैकफेड घोटाले के आरोपियों के घर छापेमारी की और कई अहम दस्तावेज बरामद किये हैं। शुक्रवार की सुबह शुरू हुई छापेमारी देर शाम तक चलती रही। इस दौरान चार आरोपियों के अलीगंज, इंदिरानगर और गोमतीनगर स्थित आवास पर छापेमारी की गई। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, जिन आरोपियों के घरों पर छापेमारी की गई, उनमें पूर्व एमडी बीपी सिंह, पूर्व चीफ इंजीनियर जीएस श्रीवास्तव, पूर्व जीएम पंकज त्रिपाठी और पूर्व मुख्य लेखाकार एके अग्रवाल का नाम शामिल है।

मनी लांड्रिंग का शक

सूत्रों की मानें तो ईडी को इन आरोपियों पर मनी लांड्रिंग का शक था। इसके लिए तैयारी ईडी ने पहले से ही कर रखी थी। चार अलग-अलग टीमें बनाकर शुक्रवार की सुबह चारों आरोपियों के घरों पर एक साथ छापेमारी की गई। जिसमें ईडी के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं। देर शाम तक इनकी पूरी रिपोर्ट दिल्ली हेड क्वार्टर को लखनऊ से भेज दी गयी। ईडी के एक अधिकारी का कहना है कि कुछ स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई तीन से चार घंटे चली, जबकि कुछ ठिकानों पर देर शाम तक सर्च ऑपरेशन चल रहा था।

क्या है लैकफेड घोटाला

उत्तर प्रदेश श्रम निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) विभागीय श्रमिकों का एक संगठन था। लेकिन सन 2010 में बसपा शासनकाल में चीफ सेक्रेटरी रहे अनूप कुमार गुप्ता ने इसे प्रमाणित निर्माण एजेंसी का दर्जा दे दिया। इसके तहत लैकफेड को पांच करोड़ मानकीकृत भवनों सहित 2.50 करोड़ तक के गैर मानकीकृत भवनों के निर्माण का काम सौंपा गया। निर्माण कार्य का तजुर्बा न होने के बाद भी उसे करोड़ों के ठेके आवंटित किए गए। सहकारिता विभाग द्वारा दर्ज कराए गए 12 करोड़ की हेरा-फेरी के मुकदमे की जांच में यह घोटाला 2011 में सामने आया था। मामले की जांच पुलिस को-ऑपरेटिव सेल के स्पेशल इंवेस्टीगेशन ब्यूरो को सौंपी गई। जांच मे पाया गया कि पिछली सरकार में अलग-अलग डिपार्टमेंट ने लैकफेड को बतौर कार्यदायी संस्था कार्य कराने के लिए जो पैसे दिए गए, उन पैसों की जमकर बंदरबांट की गयी। इस मामले में बसपा सरकार में मिनिस्टर रहे बाबू सिंह कुशवाहा, रंगनाथ मिश्रा और बादशाह सिंह सहित कई लोगों को खिलाफ केस रजिस्टर कर कार्रवाई शुरू की गयी।

कोर्ट ने कर दिया था मंत्रियों को बरी

इस मामले में कोर्ट ने करोड़ों रुपये के लैकफेड घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्रियों बादशाह सिंह, रंगनाथ मिश्र, बाबू सिंह कुशवाहा समेत छह लोगों को दोषमुक्त कर दिया। वहीं आरोपी लैकफेड के मुख्य अभियंता गोविन्द सरन श्रीवास्तव, इंजीनियर दिनेश कुमार साहू, एमडी पंकज त्रिपाठी, इंजीनियर अजय दोहरे, इंजीनियर संजय कुमार, जीएम ब्रह्म प्रकाश और मुख्य लेखाकार अनिल कुमार अग्रवाल को दोषी ठहराया था।

हुसैनगंज में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

इस मामले में पहली एफआईआर राजधानी के थाना हुसैनगंज में लैकफेड के वरिष्ठ अधिकारी पीएन सिंह यादव ने दर्ज करायी थी। बाद में मामले की जांच को-ऑपरेटिव सेल को ट्रांसफर कर दी गयी थी। इस मामले में अभी भी कई आरोपी सलाखों के पीछे हैं, जबकि कुछ की जमानत हो चुकी है और वह जेल से बाहर आ चुके हैं।