एक्सक्लूसिव

-वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की रिसर्च

-ठंड और बरसात के मौसम में गुलदार करता है ज्यादा अटैक

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-45 फीसदी केस बरसात के मौसम में दर्ज

-42 फीसदी केस ठंड के मौसम में दर्ज किए गए

-50 (करीब) लोगों को अब हर साल शिकार बना रहे हैं गुलदार

-300 (करीब) लोगों का पिछले 10 साल में शिकार कर चुके गुलदार

-01 करोड़ से ज्यादा मुआवजा दिया गया इस साल

देहरादून

देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की रिसर्च में एक आश्चर्यजनक सच्चाई सामने आई है। इस रिसर्च के मुताबिक गुलदार यानि तेंदुआ एक खास मौसम में ही इंसानों पर अटैक करता है। बताया गया है कि बरसात और ठंड के मौसम में गुलदार के अटैक के ज्यादा मामले सामने आए हैं। गुलदार के रहन-सहन और उसके इंसानी बस्तियों में घुसने के साथ-साथ इंसानों पर अटैक को लेकर ये खास रिसर्च की गई। ये पूरी रिसर्च उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय पर फोकस्ड है।

क्या कहती है रिसर्च?

वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की इस रिसर्च के अनुसार 45.2 फीसदी मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें गुलदार ने इंसानों पर बरसात के मौसम में अटैक किया। इसी तरह ठंड के मौसम में इंसानों पर गुलदार के अटैक के 42.1 फीसदी मामले दर्ज किए गए हैं। इसके पीछे वजह मानी गई है बरसात के मौसम में शैवालों (वीड्स) का उगना। ये शैवाल बरसात में उगते हैं और ठंड खत्म होने तक रहते हैं। रिसर्च में बताया गया है कि इसी वजह से तेंदुए इस मौसम में इंसानी बस्ती में ज्यादा घुसते हैं। रिसर्च में ये भी कहा गया है कि ठंड के मौसम में तेंदुए के व्यवहार में बहुत बदलाव होता है और अक्सर देखा गया है कि वो ऐसे मौसम में वहां रहना ज्यादा पसंद करते हैं जहां इंसान होते हैं। यही वजह भी है कि तब वे भोजन के लिए इंसानों पर भी अटैक करते हैं।

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क्या कहते हैं आंकड़े

अब तक के आंकड़ों के मुताबिक हर साल तेंदुए उत्तराखंड में 50 लोगों की जान ले लेते हैं। पिछले दस सालों में करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है। औसतन हमलों को देखा जाए तो अब तेंदुए के अटैक से मरने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। राजधानी देहरादून के कई इलाके ऐसे हैं जहां तेंदुओं की घुसपैठ के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में रायवाला स्थिति एक स्कूल में तेंदुआ घुस गया था, हालांकि वहां उसने किसी पर अटैक नहीं किया। इससे पहले एफआरआई स्थित स्कूल में भी तेंदुआ धमक गया था। हाल ही में 29 अक्टूबर को रायपुर में तेंदुए ने एक इंसान की जान ले ली थी।