अगर आने वाले दिनों में आपको सिटी से बाहर किसी काम से जाना है या फिर घूमने का प्लान बना रहे हैं। तो एलर्ट हो जाइए। अपनी सीट अभी से ट्रेन और प्राइवेट ट्रांसपोर्टेशन में बुक करा लें। या फिर कोई दूसरा जुगाड़ ढूंड लीजिए। क्योंकि आने वाले दिनों में रोडवेज यूनियन अपनी डिमांड को लेकर एक बार फिर से अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार पर जा रही है। यूनियन के मुताबिक अगर समय रहते मांगें पूरी नहीं हुई तो यूपी भर में बसों का संचालन ठप कर दिया जाएगा। यानि कि आप पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला है. 
24 जून से थमेंगे पहिए
सैंट्रल यूनियन वर्कशॉप कर्मचारी संघ के महामंत्री ने बताया कि 14 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में स्ट्राइक की जा रही है। 24 जून मध्य रात्री के बाद बसों को चलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले एमडी और विधान सभा के सामने भी डिमांड को पूरा करने के लिए प्रदर्शन किए गए लेकिन निगम और ऑफिसर्स की ओर से कोई दिलचस्पी न लेने के बाद स्ट्राइक करने का फैसला लिया है। लेकिन स्ट्राइक को स्ट्राइक का नाम नहीं दे रहे हैं, क्योंकि ‘स्ट्राइक’ गैरकानूनी घोषित है। इस शब्द को यूज करने से बच रहे हैं.
पहले से ज्यादा पॉवरफुल होगी
कुछ महीनों पहले भी संविदा कर्मचारी यूनियन ने स्ट्राइक की थी। जिससे कई सिटी में ट्रांसर्पाेटेशन पर बुरा असर पड़ा था। सिटी से 1100 बसों के पहिए रुक गए थे। कई जगह तोडफ़ोड़ भी की गई। इससे सिटी में पैसेंजर्स पर बुरा असर पड़ा था। लेकिन इस बार कार्यबहिष्कार और भी पॉवरफुल रहने वाला है। इसकी वजह स्ट्राइक को सैंट्रल यूनियन वर्कशॉप कर्मचारी संघ, संविदा कर्मचारी यूनियन उप्र व रोडवेज मजदूर सभा तीन यूनियन का एक साथ सपोर्ट करना है. 
सब करते हैं मनमानी
सिटी में रोडवेज की स्ट्राइक हर तरह से पब्लिक के लिए प्रॉब्लम लाती है। ट्रेनों में हाउसफुल होने के बाद सिटी से चलने वाले प्राइवेट ट्रांसर्पोटेशन वाले भी स्ट्राइक का जमकर फायदा उठाते हैं और पैसेंजर्स को लूटते हैं। बसों की स्ट्राइक की वजह से प्राइवेट टैक्सी, वैन और बसों में पर किलोमीटर 20 परसेंट तक बढ़ा दिया जाता है। जो कि पैसेंजर्स के साथ नाइंसाफी होती है। मजबूर होकर पैसेंजर्स को अपने गंतव्य तक जाने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं. 
पहले से ही ट्रेनें हैं फुल
समर की वजह से ट्रेने पहले से ही फुल चल रही हैं। इस पर पब्लिक के पास दूसरा ऑप्शन रोडवेज की बसें ही बचती हैं। लेकिन अब रोडवेज की स्ट्राइक ट्रेनों के सफर को और कठिन कर देगी। सिटी से बाहर जाने के लिए लोगों को एक सहारा ट्रेन का बचता है। जिससे ट्रेनों पर सारा बोझ आ जाता है। पैसेंजर्स की डिमांड को देखते हुए ट्रेनों में कालाबाजारी का गोरखधंधा भी बढ़ जाता है। इसी वजह से कई कानपुराइट्स को अचानक फ्लाइट्स का टिकट भी ज्यादा पैसे में खरीदना पड़ता है. 
कराड़ों की चपत लगती है  
यूपी में अगर एक दिन परिवहन निगम की बसें सडक़ पर न दौड़ें तो 9 करोड़ रुपए का घाटा होता है। इसी तरह सिटी में ये घाटा 60 लाख तक पहुंचता है। ऐसे में परिवहन निगम को स्ट्राइक काफी महंगी साबित होती है। रोडवेज में 80 परसेंट संविदा ड्राइवर और कंडक्टर होने की वजह से स्ट्राइक को रोकना मुश्किल होता है। सिटी में करीब 2500 संविदा कर्मचारी फिर से कार्यबहिष्कार को लेकर प्लानिंग कर चुका है. 
एट ए ग्लांस
डेली चलती हैं बसें सिटी में- 1100 
यूपी में कुल बसें - 7200
यूपी में संविदा कर्मी - 31000
सिटी में संविदा कर्मी - 2500
सिटी से रोज चलने वाले पैसेंजर्स- 60 हजार लगभग
स्नशह्म् 4शह्वह्म् द्बठ्ठद्घशह्म्द्वड्डह्लद्बशठ्ठ
टोल फ्री नंबर- 1800-111-321
प्रीपेड नंबर - 1800-111-139
वेबसाइट- 222.द्बठ्ठस्रद्बड्डठ्ठह्म्ड्डद्बद्य2ड्ड4.ष्शद्व
स्नद्यद्बद्दद्धह्ल स्ष्द्धद्गस्रह्वद्यद्ग
एअर इंडिया के इस
टोल फ्री - 1800-180-1407 नंबर पर रिंग करके आप कहीं से किसी भी फ्लाइट की जानकारी कर सकते हैं.
लोकल ट्रैवल्स एजेंसी
शताब्दी ट्रैवल्स, फजलगंज चौराहा 
ष्टड्डद्यद्य: (०५१२) २२१६५२२
कल्पना ट्रैवल्स 123-489 फजलगंज चौराहा. 
ष्टड्डद्यद्य: (०५१२) २५४९२६९
फ्रीडम 4 ट्रिप, एक्सप्रेस रोड सेंट्रल बैंक एटीएम सैंकड फ्लोर
ष्टड्डद्यद्य: (०५१२) ३२४२३९८, ९४५५७५४४७४
ऑल इंडिया टूर एंड ट्रैवल्स ५०/५६, नौघड़ा हालसी रोड 
ष्टड्डद्यद्य: (०५१२) ३०४४७३२, ९८३९५४४६६६
अन्नपूर्णा ट्रैवल्स, ८९-्र, दादा नगर कानपुर 
ष्टड्डद्यद्य: ९४५५६७८९९९
अपनी मांग को लेकर कार्यबहिष्कार कर रहे हैं, इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। हम अपनी तरफ से बसों को चलाने के प्रबंध करेंगे। किसी भी तरह से पैसेंजर्स को प्रॉब्लम फेस नहीं करने दिया जाएगा.
-एसके बनर्जी, आरएम
अगर आने वाले दिनों में आपको सिटी से बाहर किसी काम से जाना है या फिर घूमने का प्लान बना रहे हैं। तो एलर्ट हो जाइए। अपनी सीट अभी से ट्रेन और प्राइवेट ट्रांसपोर्टेशन में बुक करा लें। या फिर कोई दूसरा जुगाड़ ढूंड लीजिए। क्योंकि आने वाले दिनों में रोडवेज यूनियन अपनी डिमांड को लेकर एक बार फिर से अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार पर जा रही है। यूनियन के मुताबिक अगर समय रहते मांगें पूरी नहीं हुई तो यूपी भर में बसों का संचालन ठप कर दिया जाएगा। यानि कि आप पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला है. 

24 जून से थमेंगे पहिए

सैंट्रल यूनियन वर्कशॉप कर्मचारी संघ के महामंत्री ने बताया कि 14 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में स्ट्राइक की जा रही है। 24 जून मध्य रात्री के बाद बसों को चलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले एमडी और विधान सभा के सामने भी डिमांड को पूरा करने के लिए प्रदर्शन किए गए लेकिन निगम और ऑफिसर्स की ओर से कोई दिलचस्पी न लेने के बाद स्ट्राइक करने का फैसला लिया है। लेकिन स्ट्राइक को स्ट्राइक का नाम नहीं दे रहे हैं, क्योंकि ‘स्ट्राइक’ गैरकानूनी घोषित है। इस शब्द को यूज करने से बच रहे हैं।

पहले से ज्यादा पॉवरफुल होगी

कुछ महीनों पहले भी संविदा कर्मचारी यूनियन ने स्ट्राइक की थी। जिससे कई सिटी में ट्रांसर्पाेटेशन पर बुरा असर पड़ा था। सिटी से 1100 बसों के पहिए रुक गए थे। कई जगह तोडफ़ोड़ भी की गई। इससे सिटी में पैसेंजर्स पर बुरा असर पड़ा था। लेकिन इस बार कार्यबहिष्कार और भी पॉवरफुल रहने वाला है। इसकी वजह स्ट्राइक को सैंट्रल यूनियन वर्कशॉप कर्मचारी संघ, संविदा कर्मचारी यूनियन उप्र व रोडवेज मजदूर सभा तीन यूनियन का एक साथ सपोर्ट करना है. 

सब करते हैं मनमानी

सिटी में रोडवेज की स्ट्राइक हर तरह से पब्लिक के लिए प्रॉब्लम लाती है। ट्रेनों में हाउसफुल होने के बाद सिटी से चलने वाले प्राइवेट ट्रांसर्पोटेशन वाले भी स्ट्राइक का जमकर फायदा उठाते हैं और पैसेंजर्स को लूटते हैं। बसों की स्ट्राइक की वजह से प्राइवेट टैक्सी, वैन और बसों में पर किलोमीटर 20 परसेंट तक बढ़ा दिया जाता है। जो कि पैसेंजर्स के साथ नाइंसाफी होती है। मजबूर होकर पैसेंजर्स को अपने गंतव्य तक जाने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं. 

पहले से ही ट्रेनें हैं फुल

समर की वजह से ट्रेने पहले से ही फुल चल रही हैं। इस पर पब्लिक के पास दूसरा ऑप्शन रोडवेज की बसें ही बचती हैं। लेकिन अब रोडवेज की स्ट्राइक ट्रेनों के सफर को और कठिन कर देगी। सिटी से बाहर जाने के लिए लोगों को एक सहारा ट्रेन का बचता है। जिससे ट्रेनों पर सारा बोझ आ जाता है। पैसेंजर्स की डिमांड को देखते हुए ट्रेनों में कालाबाजारी का गोरखधंधा भी बढ़ जाता है। इसी वजह से कई कानपुराइट्स को अचानक फ्लाइट्स का टिकट भी ज्यादा पैसे में खरीदना पड़ता है. 

कराड़ों की चपत लगती है  

यूपी में अगर एक दिन परिवहन निगम की बसें सडक़ पर न दौड़ें तो 9 करोड़ रुपए का घाटा होता है। इसी तरह सिटी में ये घाटा 60 लाख तक पहुंचता है। ऐसे में परिवहन निगम को स्ट्राइक काफी महंगी साबित होती है। रोडवेज में 80 परसेंट संविदा ड्राइवर और कंडक्टर होने की वजह से स्ट्राइक को रोकना मुश्किल होता है। सिटी में करीब 2500 संविदा कर्मचारी फिर से कार्यबहिष्कार को लेकर प्लानिंग कर चुका है. 

एट ए ग्लांस

डेली चलती हैं बसें सिटी में- 1100 

यूपी में कुल बसें - 7200

यूपी में संविदा कर्मी - 31000

सिटी में संविदा कर्मी - 2500

सिटी से रोज चलने वाले पैसेंजर्स- 60 हजार लगभग

टोल फ्री नंबर- 1800-111-321

प्रीपेड नंबर - 1800-111-139

एअर इंडिया के इस टोल फ्री - 1800-180-1407 नंबर पर रिंग करके आप कहीं से किसी भी फ्लाइट की जानकारी कर सकते हैं।

अपनी मांग को लेकर कार्यबहिष्कार कर रहे हैं, इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। हम अपनी तरफ से बसों को चलाने के प्रबंध करेंगे। किसी भी तरह से पैसेंजर्स को प्रॉब्लम फेस नहीं करने दिया जाएगा।

-एसके बनर्जी, आरएम