दूसरे दिन भी धधकती रही आग

 उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) के अगेंस्ट चलाए जा रहे प्रतियोगी छात्रों के आन्दोलन की आग दूसरे दिन भी धधकती रही। लेकिन अबकी पुलिस की बारी थी। पहले दिन थोड़ा कमजोर पड़ी पुलिस ने फ्राइडे को फुल फार्म में दिखी।

पुलिसबल के तेवर स्टूडेंट्स पर भारी पड़ गए। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन पर प्रदर्शन करते समय जो भी पुलिस के हत्थे जो भी चढ़ा, उसकी कसकर धुनाई कर दी गई। इस दौरान फोर्स ने छात्रसंघ भवन पर 16 दिन से चल रहे क्रमिक अनशन के मंच को भी उखाड़ दिया और अपने साथ ले गई। जिससे दोबारा से माहौल गरमा गया है।

Class में घुसकर मारा गया

दोपहर करीब एक बजे छात्रसंघ भवन पर लगे क्रमिक अनशनकारियों के मंच पर बामुश्किल तीस से चालीस छात्र ही जुटे थे। उन्हें साफ इंस्ट्रक्शन था कि कोई भी प्रदर्शन एवं भाषणबाजी नहीं करेगा। इस बीच आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता मंच पर आए और छात्रों की डिमांड एवं उनकी गिरफ्तारी का विरोध करने लगे। जिसे पुलिस द्वारा रोके जाने पर छात्रों ने भी अपना विरोध दर्ज करवाया। इस बीच जमकर हुई बहसबाजी के बाद पुलिस एवं आरएएफ की टुकड़ी ने एकाएक लाठियां भांजनी शुरू कर दीं। इससे प्रदर्शनकारियों के बीच भगदड़ मच गई। पुलिस ने उन्हें एयू कैम्पस के अन्दर तक चारो तरफ दौड़ा दौड़ा कर पीटा। जिसकी चपेट में एयू में पढऩे पहुंचे कई छात्र भी आ गए। इससे गुस्साए स्टूडेंट्स ने भी पलटवार किया और पुलिस पर ईंट पत्थर से हमला कर दिया। जिसके बाद फोर्स ने पालिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के अलावा कई अन्य डिपार्टमेंट में घुसकर छात्रों पर लाठियां बरसाईं। जिसमें कई छात्रों को चोटें आईं हैं। इस दौरान फायरिंग की भी सूचना फैली।

दुहाई देते रहे मैं तो निर्दोष हूं

उधर, पुलिस ने लाठीचार्ज के दौरान कई स्टूडेंट्स को कैम्पस से दबोच लिया और अपनी प्रिजन वैन में भरकर ले गई। पकड़े गए कई छात्र खुद को निर्दोष बताते रहे और दुहाई देते रहे कि उन्हें गलत पकड़ा गया है। वे तो एयू में पढऩे आए थे। लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। इनमें से कई को बाद में छोड़ दिया गया।

VC office पर निकाली भड़ास

क्लास रूम में घुसकर पीटे जाने से एयू के टीचर्स एवं स्टूडेंट्स में आक्रोश घर कर गया। उन्होंने वाइस चांसलर की परमिशन के बगैर कैम्पस में घुसकर पुलिस के तांडव करने की घोर शब्दों में निंदा की। इस दौरान पालिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में डॉ। कार्तिकेय मिश्रा की क्लास में घुसकर छात्रों की पिटाई करने की इन्फार्मेशन पर और भी आक्रोश घर कर गया। सूचना फैली कि पुलिस ने डॉ। मिश्रा को भी नहीं बख्शा। हालांकि, डॉ। मिश्रा ने खुद के साथ हुई मारपीट का खंडन किया। उधर, बड़ी संख्या में छात्र वाइस चांसलर आफिस पहुंचे और डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ कदम उठाए जाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा काटा। बड़ी मुश्किल से उन्हें समझाया जा सका। पालिटिकल साइंस डिपार्टमेंट की एचओडी प्रो। कृष्णा गुप्ता ने भी घटनाक्रम का ब्यौरा प्रॉक्टर आफिस को भेजा है।

भारी पुलिसबल का रुख भांपकर डरे

इससे पहले पुलिस और स्टूडेंट्स के बीच हुए संघर्ष को देखते हुए छात्रसंघ भवन पर मार्निंग से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। आफिसर्स के रवैये से पहले ही साफ हो गया था कि अबकी कोई बख्शा नहीं जाएगा। जिसकी भनक स्टूडेंट्स को भी लग चुकी थी। यही रीजन है कि छात्र कम संख्या में जुटे थे।

कैम्पस में फोर्स का इस तरह से घुसना और निर्दोष छात्रों को पीटना निंदनीय है। मैने उन्हें बताया कि यहां क्लास चल रही है। बावजूद इसके वे नहीं माने। मेरे साथ कोई मारपीट नहीं की गई है।

डॉ। कार्तिकेय मिश्रा, पालिटिकल साइंस डिपार्टमेंट