LUCKNOW: श्रावण मास के दूसरे सोमवार में भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ शहर के तमाम शिवालयों मे देखने को मिली। मंदिरों के बाहर हाथों में दूध जल, लिए भक्त बाबा भोले के जयकारों के साथ पूजा अर्चना के लिए लंबी कतारों से जूझते नजर आए। राजधानी के भूतनाथ, मनकामेश्वर, कोनेश्वर, बुद्धेशवर मंदिर के साथ छोटे-बड़े शिव मंदिरों में भी सैकड़ो की तादाद में भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे।

कहीं भस्म आरती हुई तो कहीं जलाभिषेक

कैंट स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंग मंदिर में दिन भर बाबा के जलाभिषेक का कार्यक्रम चला। राजेंद्रनगर स्थित शिव जी के मंदिर में सुबह भस्म आरती का आयोजन हुआ, वहीं कोनेश्वर महादेव मंदिर में महादेव का फूलों से श्रृंगार किया गया। भीड़ के मद्दे नजर पुलिस बल और सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए ताकि स्थितियों पर बराबर नजर रखी जा सके। वहीं बाबा भोले में चढ़ावे के तौर आए दूध को लोगों में प्रसाद के तौर पर बांटा गया।

मनकामेश्वर के बारे में ये है मान्यता

माना जाता है कि माता सीता को बनवास छोड़ने के बाद लक्ष्मण ने यहीं रुक कर भगवान शंकर की पूजा की थी। जिसके कारण इस मंदिर की स्थापना हुई। मंदिर के शिवलिंग के ऊपर चांदी का छत्र विराजमान है और मंदिर के फर्श में चांदी के सिक्के लगे हैं, जो मंदिर को और अतुलनीय बनाते हं.ै