सेंटर ऑफ पूर्वांचल गोरखपुर में इस बार पिछली बार से 14 परसेंट अधिक पोलिंग रिकार्ड की गई। गोरखपुर की कुल नौ सीटों में सिटी सीट पर पूरे जिले में सबसे कम 47 परसेंट पोलिंग रिकॉर्ड की गई, हालांकि यह 2007 के असेंबली इलेक्शन की तुलना में 18 परसेंट अधिक रहा। सबको चौंकाते हुए गोरखपुर से ही सौ के करीब वोटर्स ने राइट टू नाट टू वोट का यूज भी किया और किसी भी कैंडीडेट को वोट नहीं किया। डिस्ट्रिक्ट में एक प्रिजाइडिंग अफसर की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई और छोटी मोटी शिकायतों के बावजूद पोलिंग पीसफुल रही.

उम्मीद से उलट डिस्ट्रिक्ट में पोलिंग की शुरुआत काफी फीकी रही। मार्निंग नौ बजे तक गोरखपुर सिटी सीट पर चार परसेंट तो रूरल सीट पर सात परसेंट वोटिंग रिकॉर्ड की गई। समय के साथ वोटर्स के बूथ पर पहुंचने का क्रम तेज होता गया। सुबह ग्यारह बजे शहर में 13 और ग्रामीण में 20 परसेंट, एक बजे दोपहर तक शहर में 29 परसेंट और ग्रामीण में 34 परसेंट और तीन बजे दोपहर तक शहर में 39 परसेंट और ग्रामीण में 45 परसेंट वोटिंग हो चुकी थी। शाम पांच बजे पोलिंग खत्म होने पर गोरखपुर ग्रामीण सीट पर जहां 57 परसेंट पोलिंग रिकॉर्ड की गई वहीं गोरखपुर शहर सीट पर मात्र 47 परसेंट वोटिंग रिकार्ड की गई। गोरखपुर की नौ विधानसभा सीट्स का ज्वाइंट परसेंटेज 57 परसेंट रहा जो कि इयर 2007 के इलेक्शन से 13 परसेंट अधिक रहा। भारी संख्या में ऐसे वोटर्स भी नोटिस किए गए जिनके पास वोटर कार्ड तो थे लेकिन उनके नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे, इनकी संख्या जुड़ जाने पर पोलिंग परसेंटेज कुछ और अधिक होता।

डिस्ट्रिक्ट में इलेक्शन पीसफुल रहा इसकी गवाही कंट्रोल रूम में आई कम्प्लेन्स भी करती हैं। डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन कंट्रोल रूम की इन्फोर्मेशन के अकार्डिंंग पूरे दिन में पांच जगहों से दर्जन भर इवीएम के खराब होने की कम्प्लेंस आईं। सबसे अधिक कम्प्लेंस वोटर लिस्ट में नाम न होने की रहीं। दिन भर में 25 जगहों से लोगों ने वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की कम्प्लेन की.