-मुजफ्फनगर दंगों समेत मेरठ में अपराधों को लिया संज्ञान

-वेस्ट यूपी के में प्रथम और द्वितीय चरण में है मतदान

-सांप्रदायिकता और संवेदनशीलता बन रही वजह

Meerut : मुजफ्फनगर दंगों की तपिश हो या कैराना का पलायन। मेरठ समेत वेस्ट यूपी में लगातार बढ़ रहे क्राइम के ग्राफ पर चुनाव आयोग की नजर है। चुनाव आयोग ने वेस्ट यूपी के 15 जनपदों में प्रथम चरण में मतदान का फैसला शायद इसलिए लिया है कि वेस्ट यूपी के जनपद संवेदनशील और सांप्रदायिक हैं। चुनाव आयोग ने मेरठ में दो मंडलों की बैठक के दौरान यह मंशा उजागर की थी। उप चुनाव आयुक्त विजय देव ने वेस्ट में सर्वप्रथम चुनाव की संभावनाएं जता दी थीं।

सांप्रदायिक है वेस्ट

सोमवार को मेरठ में मेरठ-सहारनपुर मंडल में विधानसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा करने आए उप चुनाव आयुक्त विजय देव ने आई नेक्स्ट को बातचीत में बताया था कि मेरठ आयोग की नजर में हाई प्रॉयरिटी पर है। सांप्रदायिक घटनाओं ने मेरठ को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा है। उप आयुक्त ने साफ किया था कि वेस्ट यूपी में चुनाव आयोग रिस्क लेने के मूड में नहीं है और जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएंगे।

दंगों की संभावना पर विराम

पहले चरण में चुनाव की घोषणा कर आयोग ने यूपी में दंगों की संभावना पर विराम लगा दिया है। मुजफ्फनगर और कैराना कांड जैसे मुद्दों को चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतें हवा न दे पाएं इसके लिए प्रथम चरण में चुनाव का फैसला आयोग ने लिया है। बता दें कि वेस्ट यूपी में खासकर विधानसभा चुनावों में ट्रेंड कम्युनल रहता है। लगभग बराबर की आबादी के अल्पसंख्यक वोटर यहां जीत की दिशा और दशा तय करने में अहम भूमिका रखते हैं। आयोग ने प्रथम चरण में वेस्ट यूपी में चुनाव की घोषणा कर इन संभावनाओं को कम कर दिया है।

पहले भी हुई हैं घटनाएं

गुजरे चुनावों की बात करें तो वेस्ट यूपी में 2012 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव आखिरी पड़ाव में हुए थे। जिससे कई नेताओं को अपनी भड़ास निकालने का मौका मिला था। गत चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर तो आयोग ने प्रचार पर बैन तक लगा दिया था। संगीत सोम, कमाल अख्तर, इमरान मसूद, आजम खान आदि नेता चिंगारी से आग बनाने में माहिर है। आयोग के साथ-साथ पुलिस-प्रशासन भी इस बात को साफ समझता है।

नहीं मिलेगा समय

वेस्ट यूपी में पहले चरण में चुनाव के पीछे आयोग की मंशा है कि सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वालों को समय नहीं मिलेगा। आदर्श आचार संहिता लग चुकी है, ऐसे में आयोग की ओर से जनपदों में पुलिस-प्रशासन को निर्देश के अनुपालन के सख्त आदेश दिए गए हैं। देर रात्रि तक सभी पोस्टर-बैनर उतार दिए गए हैं। उप आयुक्त ने मेरठ में अपने दौरे के दौरान अफसरों को भड़काऊ भाषण देने वालों के साथ सख्ती से पेश आने के आदेश दिए थे।

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वेस्ट यूपी सांप्रदायिक और अति संवेदनशील है। पुलिस-प्रशासन मतदान के दौरान फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल कर रहा है। हर छोटी-बडी सांप्रदायिक, गैर सांप्रदायिक गतिविधि पर पुलिस की नजर होगी।

-वीएस इमैनुअल, डीआईजी, मेरठ रेंज