नेपाल का भूकंप रह रहकर शहरियों को खौफजदा कर रहे हैं। संडे की दोपहर 12.43 पर फिर आए झटकों से लोग सहम गए। चैनल्स पर ब्रेकिंग आने लगी की 72 घंटों के अंतराल में फिर आएगा भूकंप, जिसने लोगों को डरा दिया। शहर की जिंदगी पटरी से उतरी रही। हर कोई अस्त-व्यस्त सा नजर आया। इंटरमीडिएट तक के स्कूलों में दो दिन की छुट्टी एनाउंस कर दी गई।

- घर के बाहर ही सहमा-सहमा कटा लोगों का संडे

- बस, पूरा दिन अफवाहों, चर्चाओं में ही बीत गया

BAREILLY:सैटरडे को आए झटकों के सहमे लोग उबर भी नहीं पाए थे कि संडे को फिर से भूकंप के झटके लोगों को डरा गए। ख्ब् घंटे के भीतर आए झटकों ने लोगों को अंदर से हिला कर रख दिया। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ज्यादातर शहरियों का संडे घर के बाहर ही बीता है। मार्केट और सिनेमाहॉल खुले तो थे, लेकिन वहां से संडे की रौनक पूरी तरह से गायब रही है। हर कोई एक दूसरे से हाल-चाल लेकर सलामती की दुआ करने में जुटा हुआ था।

फिर आया भागोभागो

भागोभागो भूकंप आया। संडे को दोपहर क्ख्.ब्फ् बजे जैसे ही हल्के झटके आए, फिर लोग यही चिल्लाते हुए बाहर भागे। ट्यूलिप अपार्टमेंट में रहने वाली महिला ने बताया कि उन्होंने नजदीक के फ्लैट से आवाज सुनी तो फिर वह लोग भी बाहर आ गए। आकर देखा तो पूरा अपार्टमेंट खाली हो गया था और लोग नीचे पहुंच गए। कुछ ऐसा ही हाल पूरे शहर का रहा है। नटराज सिनेमाहाल में मूवी देखने पहुंचे कई लोगों ने फिर भूकंप के झटकों का पता चला तो उन्होंने प्लान कैंसिल कर दिया।

डर ने बिल्डिंग को कर दिया तिरछा

स्टेडियम रोड स्थित ट्यूलिप टॉवर शहर के सबसे ऊंचे अपार्टमेंट से एक है। भूकंप के झटके ने यहां के लोगों में इतना डर भर दिया कि, रेजिडेंट्स अपार्टमेंट के बाहर रोड पर आने पर टॉवर के तिरछे होने की बात कहने लग गए। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ था। वहीं सिविल लाइंस स्थिति वास्तु अपार्टमेंट में रह रहे रेजिडेंट्स ने बताया कि, जितना सैटरडे को आए भूकंप जैस झटका संडे को भी लगा। वास्तु अपार्टमेंट की बगल वाली बिल्डिंग तो और भी अधिक तेजी से हिल रही थी। कुछ ऐसा ही हाल मुख्य पोस्ट ऑफिस से स्टेशन की ओर जा रहे रोड पर स्थित फ्रेंड्स अपार्टमेंट के लोगों का भी रहा।

मार्केट फिर खाली, सड़कों पर मजमा

दूसरे दिन भी मार्केट की हालत पतली रही है। लोगों ने संडे घरवालों के साथ ही मनाया। वहीं सड़कों का मिजाज कुछ बदला-बदला नजर आया है। खासकर से अपार्टमेंट में रहने वाले लोग तो दिनभर बाहर ही रहे। सिटी के पार्को में रौनक बढ़ी रही। बार-बार भूकंप के झटकों से दहशत में आए लोगों ने पार्क को महफूज ठिकाना समझा।

भूकंप के झटके अभी और आने के उम्मीद है। संडे को क्0 सेकेंड के लिए भूकंप का झटका रहा है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।

डॉ। एसएस कुशवाहा, वेदर एक्सपर्ट

वैसे यह अपार्टमेंट मानक के अनुरूप बनाया गया है। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से अपार्टमेंट में रह रहे लोगों को झटके लगने पर बाहर निकाल दिया गया।

सुनीत अरोरा, सेक्रेटरी, ट्यूलिप टॉपर

संडे को सैटरडे के मुकाबले भूकंप का झटका कम नहीं था पूरा शरीर ऐसा हिल रहा था मानों ट्रेन में बैठी हूं। पूरा वास्तु अपार्टमेंट हिल रहा था।

नीलिमा

जिस तरह से भूकंप के झटके आ रहे है.उससे तो अपार्टमेंट में रहने से डर लगने लगा है। लेकिन, हर जगह तो एक ही हाल है। जाए तो जाए कहां।

अनु खंडेलवाल

अब तो जो होना है उसे झेलना ही है। पूरे घर परिवार की चिंता बढ़ गयी है। अब देखना यह है कि, भूकंप का असर कब तक बना रहता है।

सुभाष अग्रवाल,

जर्जर बिल्डिंग में न रहने के निर्देश

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: ब्8 घंटे के अंतराल पर संडे को एक बार फिर भूकंप आने के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। सभी एजेंसियों को अलर्ट रहने के साथ-साथ पब्लिक को जर्जर बिल्डिंग में न रहने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम गौरव दयाल ने जिले के सभी नगर पालिकाओं के ईओ को जर्जर भवन चिह्नित कर लोगों को सेफ स्थान पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

भगवान का शुक्र सेफ है बहन

किला के बृज धाम कालोनी निवासी निशा भी भूकंप आने पर नेपाल के काठमांडू में फंस गईं। उनके परिजनों ने बताया कि हालांकि वह पूरी तरह से सेफ हैं। वह नेपाल में अपनी ननद ममता के घर ओपनिंग सेरेमनी में शामिल होने क्0 अप्रैल को गई थीं। ममता संयुक्त राष्ट्र के इथोपिया में आफिसर हैं।

दो दिनों तक स्कूल बंद, लेकिन डिग्री कॉलेजेज खुले

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: दो दिनों से लगातार आ रहे भूकंप के झटकों को देखते हुए शासन के आदेश पर डीएम गौरव दयाल ने जिले के सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है। प्ले ग्रुप से लेकर क्लास क्ख् तक के सभी स्कूल ख्7 और ख्8 अप्रैल को पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। इस दौरान यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजेज सुचारू रूप से चलेंगे। इस समय डिग्री कॉलेजेज में एग्जाम कंडक्ट किए जा रहे हैं। आरयू के रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज के लिए अवकाश का आदेश नहीं आया है। सभी कॉलेजेज में एग्जाम अपने तय शेड्यूल के अनुसार ही कंडक्ट किए जाएंगे।

बस बेटी की सलामती की दुआएं कर रहे हैं

बरेली: मेरी बेटी खुमा और नाती संयोग काठमांडू में भूकंप की दहशत का सामना कर रहे हैं। बेटी का ससुराल प्रॉपर काठमांडू में है। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि दामाद बाहर सर्विस करते हैं, ऐसे में वहां सिर्फ मां-बेटे अकेले परेशानियों का सामना कर रहे हैं। फ्राइडे को जैसे ही पता लगा कि काठमांडू में सबसे तेज भूकंप आया है, बेटी को फोन लगाया। शुक्र है कि वह दोनों ठीक हैं। कॉलोनी के लोगों के साथ किसी खुली जगह में सब इकट्ठे हैं। मैं उसे बरेली लाने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन बेटी से पता लगा कि वहां का लोकल ट्रांसपोर्ट यकदम बंद है। ऐसे में उसका अभी वहां से निकल पाना पॉसिबल नहीं, बस हम फोन पर ही हाल चाल ले पा रहे हैं, और उन सबके सुरक्षित रहने की दुआएं कर रहे हैं।

- शमशेर बहादुर खंडगा, निवासी-कैंट

पवन थापा - परवाना नगर

सब खैरियत होने पर मिली राहत

परवाना नगर के रहने वाले पवन थापा रिलेटिव व घर के सदस्य फिलहाल नेपाल में ही है। एसबीआई में काम करने वाले पवन ने बताया कि, नेपाल में उनका एग्रीकल्चर लैंड है। नेपाल के महेंद्र नगर में उनके मामा, चाचा और ताऊ रहते है। बार-बार आ रहे भूकंप के झटके ने सबको डरा कर रखा है। सैटरडे को आए भूकंप से हम लोग काफी डर गए थे। घटना के कई घंटे बाद तक हमारी बात नेपाल में रह रही फैमिली वालों से नहीं हो पा रही है। जिसके चलते मन घबरा गया। सैटरडे देर रात तक हमारी बात परिजनों से हो पायी। सब खैरियत होने पर जान में जान आयी। हमारी बात रात क्क् बजे के करीब हो पायी थी। अब तो, पल-पल की जानकारी हम लोग एक-दूसरे को दे रहे है।

ओम प्रकाश राणा- कुर्माचल नगर

अभी तक नहीं मिल सकी है राहत सामाग्री

कुर्माचल नगर में रह रहे ओम प्रकाश राणा के रिलेटिव नेपाल एयरपोर्ट के पास रहते है। विकास, वरूण और नेहा वहीं रहकर पढ़ाई कर रहे है। ओम प्रकाश बताते है कि, जहां पर रिलेटिव के बच्चे रह रहे थे। वहां भूकंप ने काफी तबाही मचायी है। हालांकि बच्चें बाल-बाल बच गए। यह बात कहते हुए ओम प्रकाश की आंखों में आंसू आ गए। ओम प्रकाश को इस बात का डर सता रहा है कि, बच्चों को अभी तक गवर्नमेंट से कोई राहत सामाग्री नहीं मिली

है। बच्चे किसी तरह से नूडल्स से जीवन व्यतीत कर रहे है। ईश्वर करें कि, आने वाले वक्त में सब कुछ अच्छा हो।