एक साल बाद भी नहीं शुरू हो सकी भर्तियां, माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड में डेढ़ साल से रुकी है भर्ती प्रक्रिया allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: सूबे के माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रतियोगियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। डेढ साल पहले शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर लगा ब्रेक फिलहाल हटने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले साल टीजीटी-पीजीटी 2016 के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसके बाद से अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा का इंतजार है। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा शीघ्र होने की उम्मीद बढ़ी थी, लेकिन आज तक लिखित परीक्षा के आयोजन को लेकर कोई निर्देश नहीं जारी हो सका। यही नहीं बोर्ड भी भंग कर दिया गया। फिर से गठन की कवायद शुरू हुई, लेकिन आज तक गठन नहीं हो सका। ऐसे में अभ्यर्थियों को समझ नहीं आ रहा है कि उनका ये इंतजार कब खत्म होगा। प्रतियोगियों को पुनर्गठन का इंतजार एडेड कॉलेजों में शिक्षक भर्ती की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पुनर्गठन का इंतजार है। कई महीनें बीतने के बाद भी अभी तक चयन बोर्ड के पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। वहीं प्रतियोगियों का कहना है कि सरकार उन्हें लगातार गुमराह कर रही है। प्रतियोगियों ने बताया कि सरकार ने पहले 27 अक्टूबर को अध्यक्ष और सदस्य के पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे निरस्त कर दिया। जबकि प्रतियोगी पिछले ड़ेढ साल से लिखित परीक्षा के आयोजन का इंतजार कर रहे है। यही नहीं शासन की ओर से अध्यक्ष और मेंबर्स के पदों पर नियुक्ति के लिए फिर से विज्ञापन जारी किया गया है। ऐसे में भर्ती अध्यक्ष और मेंबर्स के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया कब पूरी होगी, इसे लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। वर्ष 2016 के विज्ञापन का आवेदन किए लगभग दो वर्ष होने वाले हैं। लेकिन अभी तक एग्जाम का कुछ पता नहीं है। पूरा भविष्य अंधकारमय हो गया है। अब सरकार की कार्य प्रणाली से असंतोष बढ़ रहा है। सरकार को चाहिए की शीघ्र चयन बोर्ड का गठन कर एग्जाम सुनिश्चित कराएं। विक्की खान, प्रतियोगी छात्र टीजीटी-पीजीटी 2016 परीक्षा ना कराकर प्रतियोगी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। संविदा पर भर्ती की तैयारी में जुटी सरकार प्रतियोगियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। अनिल कुमार पाल वैसे भी प्रतियोगियों को कम अवसर मिलते हैं। उस पर रिश्तेदारों का सवाल होता है कि नौकरी कब मिलेगी। इसका जवाब आखिर प्रतियोगी क्या दें। जब एग्जाम ही नहीं होगा तो नौकरी कहां से मिलेगी। नीलू - सरकार को जब अध्यक्ष और मेंबर्स की नियुक्ति नहीं करनी थी तो 27 अक्टूबर को अध्यक्ष और मेंबर्स का विज्ञापन क्यों जारी किया गया। सरकार हर तरीके से प्रतियोगियों को गुमराह कर रही है। रमेश चन्द्र