नेपाल में हुई थी सिक्रेट मीटिंग  
लगभग दो महीने पहले आंतकी संगठनों ने नेपाल में इस्लामिक संघ नेपाल के साथ एक सिक्रेट मीटिंग की थी। मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने भी 4 जून को ट्वीट कर भारत और म्यांमार की सरकार पर आरोप भी लगाया था। इस ट्वीट में कई भड़काने वाली बातें भी शामिल थी।

चंद सिपाही के भरोसे सिक्योरिटी
7 जून को मंदिर में विस्फोट के बाद गोरखपुर प्रशासन केवल एक दिन के लिए एक्टिव नजर आया। आनन फानन में मंदिर की सुरक्षा को लेकर जांच पड़ताल हुई जबकि 8 जून से सुरक्षा व्यवस्था फिर पुराने ढर्रे पर लौट आई। कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण मंदिर की सुरक्षा एक सब इंस्पेक्टर और 8 कांस्टेबल के जिम्मे है। पुलिस की इसी टीम पर मंदिर सुरक्षा के अलावा सिटी के लॉ एण्ड आर्डर मेंटेन रखने की भी जिम्मेदारी हैं। वहीं श्रावस्ती में एक सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही सुरक्षा ड्यूटी में रहते हैं। न तो वहां मेटल डिटेक्टर है और न ही सिक्योरिटी से संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन।

प्रशासनिक अफसरों ने किया दौरा
महाबोधि मंदिर में विस्फोट के बाद भी अभी तक बौद्ध मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए केवल कागज पर ही घोड़े दौड़ रहे हैं। घटना के बाद डीएम कुशीनगर ने मंदिर सीमित के साथ मीटिंग की और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सीमित ने मंदिर में सीसी टीवी कैमरे लगाने की सहमति भी दे दी है। कुशीनगर, कपिलवस्तु और श्रावस्ती मंदिर में हर साल 60 हजार से ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं।

सिटी बन सकता है आतंकियों का सेंटर
गोरखपुर सिटी आतंकियों का सेंटर बन सकता हैं। संभावना जताई जा रही है कि आतंकियों के निशाने पर अगर बौद्ध मंदिर हैं तो गोरखपुर से जुड़े कुशीनगर, कपिलवस्तु और श्रावस्ती तक पहुंचने के लिए वे सिटी को सेंटर प्लेस बना सकते हंै। उसके पीछे कारण है गोरखपुर का नेपाल बार्डर से जुड़ा होने के साथ-साथ तीनों बौद्धिस्ट मंदिरों से जुड़ा होना। इसके बाद भी अभी तक प्रशासन नहीं चेत रहा। बौद्धिस्ट मंदिरों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों पर भी खतरा मंडरा रहा हैं।

कुशीनगर, श्रावस्ती और कपिलवस्तु के बौद्ध मंदिरों की सिक्योरिटी के लिए स्टेट होल्डर्स के साथ मीटिंग की जा रही है। मैन पॉवर के साथ-साथ मंदिर की सिक्योरिटी के लिए सीसी टीवी भी लगाए जाएंगे।
जकी अहमद, आईजी

 

report by : mayank.srivastava@inext.co.in