बीटीसी 2013 के अभ्यर्थी कर रहे रिजल्ट थे रिजल्ट जारी करने की मांग

2012 सत्र के अभ्यर्थीयों का प्रेशर सोमवार के बाद घोषित हो रिजल्ट

रिजल्ट जारी होने पर शिक्षक भर्ती में बढ़ जाएंगे आवेदक, इसी को लेकर है झगड़ा

ALLAHABAD: सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज पर शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। बीटीसी 2013 का रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर पहुंचे अभ्यर्थियों को जलील होकर लौटना पड़ गया। पुलिस की लाठी झेलनी पड़ी सो अलग। हालांकि संतोष इस बात का था कि सचिव नीना श्रीवास्तव से यह भरोसा जरूर मिल गया कि रिजल्ट शनिवार को घोषित कर दिया जाएगा। इस पूरे मामले का साक्षी एक और धड़ा था। यह थे बीटीसी 2012 के अभ्यर्थी जो नहीं चाहते कि रिजल्ट जल्दी घोषित किया जाए। रिजल्ट जारी होने पर उनके लिए संकट खड़ा हो जाएगा।

बवाल की जड़ है शिक्षक भर्ती

बवाल की जड़ में है वर्तमान समय में चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में रिक्त 16648 पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है। सोमवार 11 जुलाई आवेदन करने की लास्ट डेट है और 13 जुलाई फीस चालान के जरिए जमा करने की। वर्तमान समय में इन पदों के सापेक्ष कुल करीब 18000 ही आवेदन हुए हैं। यानी आवेदन करने वाले चुनिन्दा अभ्यर्थियों के हाथ ही निराशा आनी है बाकी सबको नौकरी मिल जाएगी।

रिजल्ट आया तो बढ़ेगी मुश्किल

सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंचे बीटीसी 2013 के अभ्यर्थी अपना फाइनल रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे थे। उनकी डिमांड है कि रिजल्ट आज या कल में घोषित कर दिया जाय। इसके पीछे उनका अपना फायदा जुड़ा है। रिजल्ट आ जाने पर वह भी वर्तमान समय में चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बनने के हकदार हो जाएंगे। शनिवार को रिजल्ट घोषित हो गया तो वे सोमवार को आवेदन फॉर्म भर देंगे। काउंसिलिंग प्रक्रिया की डेट आने तक उनके हाथ में ओरिजिनल मार्कशीट भी आ जाएगी। इससे नियुक्ति पाने का उनका भी दावा मजबूत हो जाएगा और मेरिट के आधार पर उनमें से तमाम नौकरी भी पा सकते हैं। 2013 के अभ्यर्थी सचिव परीक्षा नियामक नीना श्रीवास्तव से मिलने में कामयाब भी रहे और अपनी पूरी बात रखी। अभ्यर्थियों का कहना है कि सचिव नीना श्रीवास्तव ने 9 जुलाई तक रिजल्ट जारी करने की बात कही और वहां से चली गई।

नारेबाजी के बाद चली लाठियां

बीटीसी 2013 के प्रशिक्षुओं ने आरोप लगाते हुए बताया कि सचिव परीक्षा नियामक कार्यालय में बीटीसी 2012 के प्रशिक्षु पहले से मौजूद थे। वे भी अपनी मांग को लेकर अड़े हुए थे। सचिव ने उनकी मांगों को गलत बताते हुए उसे मानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद पुलिस द्वारा हटाने के बाद वे परिसर गेट से बाहर निकल गए और दूसरे रास्ते से आकर बीटीसी 2013 के प्रशिक्षुओं के साथ मिलकर खड़े हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजकर प्रशिक्षुओं को दौड़-दौड़ा कर भगाना शुरू कर दिया। बीटीसी 2013 के प्रशिक्षुओं ने बताया कि छह सेमेस्टर की सभी परीक्षाएं मई में ही समाप्त हो गई है। उसके बाद से प्रशिक्षु रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे है।