- सीआईसी की सख्ती और जुर्माने के डर से अधिकारियों ने आरटीआई जवाब जल्द देने के दिए आदेश

- समय पर जवाब न देने पर सेक्शन कर्मचारियों के वेतन से वसूली जाएगा जुर्माना

Meerut : सूचना का अधिकार के तहत न सूचनाएं देने में लापरवाही बरत रहे अधिकारियों पर सीआई की ओर से हो रहे आर्थिक दंड से कई अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। कई डिपार्टमेंट में आर्थिक दंड के रूप में अधिकारियों से हजारों रुपए वसूले जा चुके हैं। इसलिए अब डिपार्टमेंट की ओर से इससे संबंधित सर्कुलर निकाले जा रहे हैं। ऐसा ही सर्कुलर कैंट बोर्ड के सीईओ की ओर से निकाला गया है। अगर कोई संबंधित डिपार्टमेंट का बाबू या ऑफिसर आरटीआई का जवाब नहीं देता है तो जुर्माने की वसूली उससे की जाएगी।

सीआईसी का डर

अब कैंट बोर्ड में भी सेंट्रल इनफॉर्मेशन ब्यूरो का डर साफ देखने को मिल रहा है। सूचना का अधिकार न देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सीआईसी की मुहिम से अधिकारियों में खौफ झलक रहा है। इसलिए कैंट बोर्ड के सीईओ डॉ। डीएन यादव ने सभी डिपार्टमेंट में सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि हरेक आरटीआई का जवाब समय पर दिया जाए। अगर किसी आईटीआई में सीआईसी की ओर से किसी तरह का जुर्माना होता है तो संबंधित डिपार्टमेंट के कर्मचारी से जुर्माना वसूला जाएगा।

हर रोज भ्0 आरटीआई

मेरठ कैंट बोर्ड क्षेत्रफल के हिसाब से ही नहीं बल्कि काम के लिहाज से भी काफी इंपोर्टेट कैंट है। वहीं यहां पर अनियमितता भी कम नहीं हैं। इसलिए आरटीआई एक्टीविस्टों की नजर हमेशा कैंट बोर्ड के हर मुद्दे पर रहती है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो हर रोज डिफ्रेंट डिपार्टमेंट से रिलेटेड करीब भ्0 आरटीआई एक दिन में आती हैं, जिनका हर रोज जवाब देना हर डिर्पाटमेंट के लिए काफी मुश्किल हो रहा है।

जवाब ही देने निकल जाएगा दिन

अधिकतर आरटीआई इंजीनियरिंग सेक्शन में आती है। सेक्शन के एक कर्मचारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि वैसे डिपार्टमेंट में कर्मचारियों की काफी कमी है। अगर कर्मचारी रोज की आरटीआई निपटाने लगे तो डिपार्टमेंट का काम कौन करेगा? फिर जो आरटीआई आती हैं वो सूचना मांगने मंशा से कम और ब्लैकमेलिंग की मंशा ज्यादा होती है।

सीआईसी अब इस मामले में काफी सख्त है। जुर्माना भी कर रही है। ये भी जॉब का एक पार्ट भी है। इसलिए इससे बच पाना काफी मुश्किल है। इसलिए अब हर आरटीआई का जवाब समय पर देने के लिए कहा गया है। वरना जुर्माने की रकम लेट करने वालों से वसूली जाएगी।

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड