हो hi-fi तो सिक्योर करो wi-fi

-आपके wi-fi का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं टेरेरिस्ट, पुलिस ने जारी किया है alert

-शहर में दहशत फैलाने का मंसूबा रखने वाले दहशतगर्द सीमा पार मौजूद आकाओं तक पहुंचा सकते हैं संवेदनशील स्थानों की जानकारी

devendra.singh@inext.co.in

VARANASI

डिजीटल होते इंडिया में हर कोई हाई फाई बनने के लिए वाई फाई का जमकर इस्तेमाल कर रहा है। इनमें से ढेरों ऐसे हैं जो अपने वाई फाई को कोड के जरिए सिक्योर नहीं रखते हैं। इसका फायदा वो उठा सकते हैं जो इस शहर का अमन-चैन बिगाड़ने के फिराक में हैं। टेरेरिस्ट इसके जरिए शहर के संवेदनशील जगहों की जानकारी खून-खराबे की साजिश करने वालों तक पहुंचा सकते हैं। वीआईपी मूवमेंट की जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं। अगर आप भी अपने वाई फाई को लेकर सतर्क नहीं हैं तो बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। किसी वारदात के बाद सुरक्षा एजेंसियां आप को इसमें शामिल मान सकती हैं। वाई फाई को सिक्योर करने के लिए पुलिस ने निर्देश जारी किए हैं।

मौके की फिराक में फिदायीन

भारतीय फौज के हाथों पिटे आतंकी बनारस में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। वो यहां फिदायीन हमला भी कर सकते हैं। हालांकि यहां हमला करने की योजना लम्बे समय से बना रहे हैं। पार्लियामेंट इलेक्शन के दौरान बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे। इस काम को बनारस में अंजाम देने से पहले दो आतंकी गोरखपुर में गिरफ्तार कर लिए गए थे। इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के मुताबिक टेरेस्टि ग्रुप के मददगार स्लीपिंग मॉड्यूल्स शहर से जुड़ी इंपॉर्टेट इंफॉर्मेशन सीमा पार बैठे आतंक के आकाओं तक पहुंचा रहे हैं।

बेहद जानकार व खतरनाक हैं

इंटेलिजेंस के मुताबिक बनारस में तबाही की मंशा रखने वाले टेरेरिस्ट ग्रुप के पास डिजिटल दुनिया की जानकारी रखने वाले कई एक्सपर्ट हैं। बनारस में भी जो इनके मददगार हैं उनको भी इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है। वो बखूबी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोशल मीडिया का अपने तरह से उपयोग कर रहे हैं। बनारस से सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करने की जानकारी कई बार सामने आयी है। टेरेरिस्ट अपनी पहचान को छुपाये रखने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। इसके तहत वह सामान्य लोगों की आईडी हैक करते हैं। दूसरों का वाई फाई इस्तेमाल करते हैं। ताकि वारदात के पहले या बाद में उनकी पहचान उजागर न हो पाए। ऐसे में उन्हें जहां भी कोई अनसिक्योर नेटवर्क मिलता है उसका इस्तेमाल गलत मंसूबों को अंजाम देने के लिए करते हैं।

हो चुकी हैं कई वारदात

लापरवाही से वाई फाई का इस्तेमाल करने वालों को आतंकी कई बार मुसीबत में डाल चुके हैं। बनारस में सबके बड़ा आतंकी हमला कैंट रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इस हमले के पहले इंडियन मुजाहिद से जुड़े आतंकियों ने दिल्ली के एक युवक का अनसिक्योर वाई फाई इस्तेमाल करते हुए कई स्थानों पर लेटर भेजा था। मामले की जांच में जुटी एजेंसी ने उक्त युवक को पकड़ लिया। दिल्ली में संसद पर हुए हमले में भी मुम्बई का ही एक युवक फंस गया था। उसके वाई फाई का इस्तेमाल भी आतंकियों द्वारा किया गया था।

सुरक्षा ही बचाव

अपने वाई फाई की सिक्योरिटी को दुरुस्त रखना ही किसी परेशानी से बचने का तरीका है। इस दिनों पब्लिक की सुविधा के लिए सरकारी और निजी संस्थान फ्री वाई फाई उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन वहां सिक्योरिटी का पूरा ध्यान रखा जाता है। यूजर को वाई फाई यूज करने के लिए कोड हासिल करना पड़ता है। इससे उसकी इंफॉर्मेशन हासिल हो जाती है और गड़बड़ी की संभावना कम हो जाती है। साइबर में भी इंटरनेट यूजर्स की आईडी ली जाती है।

इस वक्त ये ध्यान रखना जरूरी है कि किसी भी वजह से ऐसे किसी व्यक्ति की मदद न हो सके जो गड़बड़ी फैलाने का मंसूबा रखता है। पुलिस शहर में किसी भी गड़बड़ी की संभावना को खत्म करने के लिए मुस्तैद है। पब्लिक को भी सतर्कता बरतना जरूरी है।

एसके भगत

आईजी