- जनसंख्या विस्फोट के प्रभावों से बचने के लिए फूंक-फूंक के बढ़ाने होंगे कदम

- प्रेजेंट को ध्यान में रखने के बजाए 50 साल आगे करना होगा फोकस

GORAKHPUR: जनसंख्या का दबाव दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। लगातार आबादी बढ़ने से नेचुरल रिसोर्स भी खूब इस्तेमाल हो रहे हैं, वहीं इन्हें रीजार्च या दोबारा इस्तेमाल करने के लिए कोई भी कवायद नहीं की जा रही है। यह बिल्कुल सही नहीं है। अगर यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में हम हर बुनियादी सुविधाओं के लिए आपस में जंग करेंगे और किसी के हाथ कुछ भी नहीं लग पाएगा। इसलिए अभी वक्त है, अगर हम रिसोर्स मैनजमेंट अभी से शुरू कर दें और जो नेचुरल रिसोर्स हैं उनका लिमिटेड इस्तेमाल कर उन्हें सिक्योर करें, तो हमारी यह प्रॉब्लम दूर हो सकती है। साथ ही इसमें इस बात पर भी फोकस करना होगा कि ऑप्शनल रिसोर्स किस तरह क्रिएट किए जाएं कि इनका कम से कम इस्तेमाल हो।

कार्बन फूट प्रिंट को करें कम

जब भी हम डेवलपमेंट के लिए अंधाधुन पेड़ों की कटान करते हैं, तो इससे कार्बन फूट प्रिंट लगातार बढ़ता चला जाता है। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो यह कोशिश की जानी चाहिए कि विकास कार्यो में इस बात का ध्यान रखा जाए कि एनवायर्नमेंट को कम से नुकसान हो और हमारे रिसोर्स यूं ही बने रहे। वहीं इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि जल, खाद्यान और उर्जा के समुचित इस्तेमाल और उसके संरक्षण पर भी खास ध्यान देने की जरूरत है। प्लानिंग इस तरह से हो कि प्रति व्यक्ति न्यूनतम उपलब्धता बनी रहे, इसका भी ध्यान रखना होगा। ऑप्शनल संसाधनों का विकास करना चाहिए।

स्टैटिस्टिक -

इंडिया एंड व‌र्ल्ड

2 परसेंट लैंड रिसोर्स

4 परसेट वॉटर रिसोर्स

17.5 परसेंट जनसंख्या

यह होने चाहिए ऑप्शन

- पचास साल को प्लान में रखकर कोई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्लान किए जाएं।

- नेचुरल रिसोर्स का एक्सप्लॉयटेशन कम होना चाहिए।

- मिनिमम सुविधाएं पर जोर हो और इसे बढ़ाया जाना चाहिए।

- हॉस्पिटल और स्कूल इतने अवेलबल हों कि 20 साल के बाद जो आबादी बढ़े, उनके लिए भी सुविधाएं अवेलबल रहें।

- प्रति व्यक्ति न्यूनतम उपलब्धता बनी रहे, इसका ध्यान दें।

- ग्रीन कवर को बढ़ाएं।

- इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया जाए।

- ट्रेडिशनल कोर्स पढ़ाने के बजाए स्किल डेवलपमेंट पर फोकस हो।

- हाउसिंग में फ्लैट और मल्टी स्टोरी कल्चर को बढ़ावा देना चाहिए।

- स्कूल और हॉस्पिटल की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे मिनिमम फैसिलिटी अवेलबल रहे।

- लोगों को इसके लिए अवेयर किया जाए।

नेचुरल रिसोर्स का एक्सप्लॉयटेशन हो रहा है। यह जरूरी है कि संसाधनों का संतुलित उपयोग हो। वहीं जल, खाद्यान और उर्जा के उचित इस्तेमाल और इसके संरक्षण पर भी काफी ध्यान दिया जाना जरूरी है। सबसे अहम यह कि प्रति व्यक्ति न्यूनतम उपलब्धता बनी रहे, इसका ध्यान दिया जाना चाहिए।

- प्रो। गोविंद पांडेय, एनवायर्नमेंटल इंजीनियर

डेवलपमेंट वर्क में इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि एनवायर्नमेंट को कम से कम नुकसान हो। बढ़ती आबादी की वजह से एनवायर्नमेंट प्रभावित हो रहा है, इसमें कुछ हद तक सच्चाई है, लेकिन डेवलपमेंट की वजह से एनवायर्नमेंट को नुकसान पहुंच रहा है, यह बिल्कुल गलत है। नुकसान इंडस्ट्रियलिस्ट पहुंचा रहे हैं, लेकिन अगर वह चाहें तो इसे बचाया जा सकता है। इसके लिए उन्हें थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा खर्च करना पड़ेगा। गोरखपुर में ऐसे ढेरों एग्जामपल हैं।

- डॉ। शीराज वजीह, एनवायर्नमेंटलिस्ट

सिर्फ सड़क बना देना ही विकास नहीं है। सुविधाएं बढ़नी चाहिए। लेकिन सबसे जरूरी है कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाए। सिर्फ बीए पढ़ाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि स्किल डेवलपमेंट काफी जरूरी है। टेक्निकल डिग्री पर जोर होना चाहिए। फ्यूचर को ध्यान में रखकर प्लानिंग की जानी चाहिए, इससे काफी फायदा मिलेगा।

- डॉ। प्रमोद शुक्ला, सोश्योलॉजिस्ट