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Agra: दुनिया के अजूबे ताजमहल की सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। यलो जोन को लेकर कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया गया है। पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी गेट की ओर जाने वाली आम सड़कों से ताजमहल के एंट्री गेट तक पहुंचने वाले हर व्यक्ति पर कड़ी निगरानी रखे जाने की व्यव्यस्था है। व्यवस्था तो जल पर भी निगरानी की है। लेकिन, बरसात के इनदिनों इस तरफ से और भी चौकसी करने को लेकर खासी सतर्कता बरती जा रही है। इसी को मद्देनजर इन दिनों दशहरा घाट की तरफ एएसआई की ओर से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को लेकर काम करवाया जा रहा है।

पकड़ा जा चुका है संदिग्ध

ताजमहल की तैनाती में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को कान तब खड़े हो गए थे जब बीते दिनों नदी के रास्ते एक व्यक्ति ने ताजमहल के इस अति संवेदनशील स्थल दशहरा घाट तक पहुंच बनाने में सफलता पा ली थी। संदिग्ध व्यक्ति को सुरक्षा घेरे के लिए मुस्तैद जवानों ने धर-दबोचा था। हालांकि उससे पूछताछ के बाद उसके मंदबुद्धि होने की स्थिति में उसे छोड़ दिया गया था। लेकिन, इस स्थिति ने ताजमहल की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया था। इस घटना ने अधिकारियों की भी नींद उड़ाने का काम किया था। तब तय किया गया कि यमुना की तरफ वाले संवेदनशील स्थल की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जाएगी।

रात्रि दर्शन के दौरान बड़ी चुनौती

सूर्योदय से सूर्यास्त तक ताजमहल को आम दर्शकों के लिए खोल दिया जाता है। दिन के उजाले में ताज के दीदार के अलावा रात्रि काल में भी ताजमहल के दर्शन कराने की व्यवस्था है। ताजमहल और इसके दीदार को आए टूरिस्ट की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ताज के रात्रि दर्शन को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत यानि कि सुप्रीम कोर्ट ने खासे डायरेक्शंस दे रखे हैं। यही वजह है कि जिस दौरान रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक दो शिफ्टों में इंडियन और फॉरेनर टूरिस्ट ताज देखते हैं, उनकी सुरक्षा का खासा ध्यान रखा जाता है। टूरिस्ट को शिल्पग्राम से ही ताज के पूर्वी गेट तक ले जाया जाता है, जहां से ताज के अंदर एंट्री दिलाई जाती है। यमुना के हिस्से वाले दशहरा घाट का रास्ता भी इस पूर्वी गेट तक आता है। इसीलिए इस नदी के हिस्से की विशेष चौकसी बरती जाने पर जोर दिया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में कराया जाता है रात्रि दर्शन

ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट प्रॉपर मॉनिटरिंग करता चला आ रहा है। एडवोकेट धमेंद्र वर्मा के अनुसार एमसी मेहता वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया रिट पिटीशन की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बीच-बीच में कई डायरेक्शंस दिए। व‌र्ल्ड हैरिटेज मॉन्युमेंट ताजमहल को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का ही नतीजा है कि रात्रि दर्शन के दौरान मॉनिटरिंग के लिए एक एडीजे स्तर के न्यायिक अधिकारी मौजूद रहते हैं। इन्हीं की मौजूदगी में टूरिस्ट को दल के रूप में शिल्पग्राम से ताजमहल पूर्वी गेट लाया जाता है। इसी गेट से चांदनी रात में टूरिस्ट को ताजमहल का दीदार कराया जाता है। सुरक्षा के लिहाज से रात्रि दर्शन के दौरान अच्छी-खासी संख्या में पुलिसबल उपस्थित रहता है। पुलिस के कुछ एक आला अधिकारी भी इस दौरान ड्यूटी पर खासे अलर्ट रहते हैं। सुरक्षा के बीच ही रात के समय में ही इंडियन और फॉरेनर टूरिस्ट को ताज का दीदार कराकर वापस शिल्पग्राम तक लाया जाता है।

मिल चुकी बम की खबर

5 अगस्त 2014 की शाम अचानक प्रशासन ने ताजमहल की ओर दौड़ लगा ली थी। एक अज्ञात फोन कॉल ने प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर पसीना ला दिया था। ताजमहल में बम की सूचना पर तत्कालीन एसपी सिटी समीर सौरभ सहित डॉग स्क्वॉयड, बम डिस्पोजल टीम ने ताज का चप्पा-चप्पा छान मारा था। गनीमत थी कि यह सूचना सच नहीं निकली। लेकिन, ताजमहल में बम की सूचना से टूरिस्ट में हड़कम्प की स्थिति पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। शाम का समय होने की वजह से टूरिस्ट की संख्या भी अधिक थी, जिन्हें आनन-फानन में ताजमहल से बाहर किया गया था।

नाले पर जताई जा चुकी है चिंता

दरअसल, ताजमहल के पीछे वाले हिस्से में दशहरा घाट की तरफ एक नाला स्थित है। इस नाले का निरीक्षण भी किया जा चुका है। निरीक्षण के दौरान पूर्व सीओ ताज सुरक्षा स्वर्णजीत कौर के साथ ही साथ एएसआई के अधिकारी भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान यह चिंता जाहिर की गई कि नदी की तरफ खुलने वाला यह नाला खतरनाक बिन्दु हो सकता है। इसीलिए इस तरफ से सुरक्षा घेरा सख्त बनाने को लेकर मंथन हुआ। यही वजह है कि दशहरा घाट तरफ के इस हिस्से को लेकर कंटीले तारों की ऊंची बाड़ तैयार की जा रही है।

तैयार की जा रही सुरक्षा बाड़

ताजमहल के पीछे यमुना नदी है। वैसे तो नदी में पानी का उतार-चढ़ाव वर्षभर चलता ही रहता है। गर्मियों के दिनों में पानी कम रहता है तो बरसात के इनदिनों अच्छा-खासा दिखाई देने लगता है। पानी से भरी हुई नदी की वजह से ही सुरक्षा को लेकर एक्स्ट्रा अलर्टनेस बरती जाती है। वजह साफ है सूखी नदी में अगर कोई नदी के रास्ते ताज की ओर जाने की कोशिश करता है तो नजर में आ जाता है। लेकिन, अगर पानी से लबालब यमुना में अंदर ही अंदर तैरकर ताजमहल के पीछे तक कब पहुंच जाए, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल काम होता है। खासतौर से अंधेरे के समय। इसी के मद्देनजर दशहरा घाट की तरफ इन दिनों खासा ध्यान रखा जा रहा है। एएसआई की ओर से इस तरफ सुरक्षा बाढ़ तैयार कराई जानी है। जिसको लेकर इनदिनों काम चल रहा है।