रांची airport पर 
tight हुई security
Security at airport gets more tightened

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Ranchi : पटना में नरेंद्र मोदी की रैली में टेररिस्ट अटैक को लेकर आईबी ने स्टेट गवर्नमेंट को पहले ही आगाह कर दिया था, लेकिन इसे लेकर किसी ने सीरियसनेस नहीं दिखाई। नतीजा- पटना में मोदी की सभा में सीरियल बम Žलास्ट्स हुए और बड़ी संख्या में आमलोग इंजर्ड हुए। इस बार आईबी ने झारखंड गवर्नमेंट के साथ-साथ एक बार फिर बिहार गवर्नमेंट को भी आगाह किया है। कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के फाउंडर यासीन भटकल को छुड़ाने के लिए गवर्नमेंट पर दबिश देने के लिए टेररिस्ट्स प्लेन हाइजैक कर सकते हैं। इंटेलिजेंस Žयूरो (आईबी) की इस इनफॉर्मेशन के बाद रांची व पटना एयरपोर्ट पर पूरी अलर्टनेस बरती जा रही है। आईबी के मुताबिक, झारखंड और बिहार में इंडियन मुजाहिदीन के कई टेररिस्ट्स पनाह लिए हुए हैं। ऐसे में आईबी के पास जो इनफॉर्मेशन है, उसके मुताबिक, आईएम टेररिस्ट्स अपने ऑर्गनाइजेशन के फाउंडर यासीन भटकल को पुलिस की गिरफ्त से आजाद कराना चाहते हैं। वे कंधार प्लेन हाइजैक की तर्ज पर ही अपनी योजना को अंजाम देने में जुटे हैं। इसके लिए टेररिस्ट्स की पाकिस्तान के आईएसआई के साथ मीटिंग भी हो चुकी है. 
क्यों चुना है रांची और पटना के airport को?
इनफॉर्मेशन यह भी मिल रही है कि बिहार और झारखंड को टेररिस्ट्स ने अपने सेफ जोन के रूप में डेवलप किया है। टेररिस्ट्स का फाइनेंसर होने के आरोप में हाल में सिटी के डोरंडा से पकड़े गए उजैर अहमद खान की अरेस्टिंग के बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम को कई इम्पॉर्टेंट इनफॉर्मेशंस मिली हैं। इनफॉर्मेशंस के मुताबिक, चूंकि रांची और पटना एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी के बहुत खास इंतजाम नहीं हैं, पुलिस एक्टिविटी भी सुस्त है, इसलिए रांची और पटना को टेररिस्ट्स ने अपने टारगेट पर ले रखा है और यहां प्लेन हाइजैक करने का प्लान बनाया है. 
Alert हुआ airport administration
आईबी के अलर्ट जारी करने के बाद झारखंड के डीजीपी ने सिटी के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मौजूद सीआईएसफ समेत रांची पुलिस को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया है.
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर हर पैसेंजर की चेकिंग हो रही है। जिन पर शक हो रहा है, उनकी अच्छी तरह से मॉनिटरिंग की जा रही है। एयरपोर्ट पर इंस्टॉल किए गए सीसीटीवी कैमरे को भी अपडेट कर लिया गया है, ताकि एयरपोर्ट पर हो रही हर एक्टिविटी पर नजर रखी जा सके। आईबी ने यह भी आशंका जाहिर की है कि टेररिस्ट्स प्लेन हाइजैक करने की घटना को अंजाम देने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद कर्मियों को पैसे का लालच देकर खरीद सकते हैं। ऐसे में कर्मचारियों की आइडेंटिटी को अपडेट कर उनकी एक्टिविटीज पर भी नजर रखी जा रही है.

What’s the function of IB?
इंटेलिजेंस Žयूरो (आईबी) टेररिस्ट्स के खिलाफ और नक्सलियों के खिलाफ भी खुफिया जानकारी कलेक्ट करने का काम कॉन्फिडेंशियल वे में करता है। इसका अलग सर्विलांस सिस्टम है, जो देश के किसी भी सर्विलांस सिस्टम्स से ज्यादा पावरफुल है। जब हैदराबाद में टेररिस्ट्स ने बम Žलास्ट प्लान तैयार किया था, तो आईबी ने स्टेट गवर्नमेंट को इस घटना से पहले से आगाह कर दिया था। आईबी के पास मैन पावर की कमी नहीं है। आईबी के ऑफिसर्स व एंजेंट्स कहीं भी अपनी पहचान किसी को नहीं बताते। पूरे देश में आईबी के 3500 से 4000 एजेंट्स टेररिस्ट्स की खुफिया जानकारी कलेक्ट करने में दिन-रात जुटे रहते हैं.

पहले भी आगाह किया है IB ने
आईबी का सर्विलांस सिस्टम काफी स्ट्रॉन्ग है। लास्ट ईयर पटना में नरेंद्र मोदी की रैली से पहले भी आईबी ने स्टेट गवर्नमेंट को रैली में टेररिस्ट अटैक को लेकर आगाह किया था। पर, आईबी की इस वॉर्निंग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा आईबी ने झारखंड के रांची में नक्सलियों के दो टॉपमोस्ट लीडर अमिताभ कुमार उर्फ बागची और उदय कुमार को झारखंड पुलिस द्वारा पकड़वाने में अहम योगदान दिया था.
कौन है यासीन भटकल?
बेसिकली कर्नाटक के रनहेवाले 30 वर्षीय यासीन भटकल ने साल 2003 में अपने भाई रियाज भटकल समेत दो लोगों के साथ मिलकर 'इंडियन मुजाहिदीनÓ नाम से टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन बनाया था। यासीन भटकल उर्फ शाहरुख का ओरिजनल नाम मोहम्मद अहमद जरार सिद्दीबप्पा है। यासीन भटकल जर्मन बेकरी Žलास्ट के अलावा एक क्रिकेट मैच के दौरान बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए Žलास्ट के मामले में भी मेन एक्यूज्ड है। 29 अगस्त 2013 को यासीन भटकल को नॉर्थ बिहार के इंडिया-नेपाल बॉर्डर (रक्सौल) से अरेस्ट किया गया था। नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान समेत कई देशों में पिछले पांच सालों से फरार चल रहा था। एनआईए ने भटकल को देश में हुए डिफरेंट टेररिस्ट अटैक्स का मेन कॉन्स्पिरेटर और उन्हें अंजाम देनवाला करार दिया है। भटकल पहले बैन्ड ऑर्गनाइजेशन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था। आईएम के पांच सस्पेक्ट्स के खिलाफ देश में टेररिस्ट अटैक करने की कॉन्स्पिरेसी रचने के लिए जुलाई में आरोप पत्र दायर किया गया। कर्नाटक के भटकल गांव का रहनेवाला यासीन भटकल अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली और हैदराबाद में हुए टेररिस्ट अटैक्स के मामलों में वांटेड है। साल 2003 में उसने अपने भाई रियाज व एक अन्य साथी सुभान के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना की थी। यासीन भटकल देश के डिफरेंट प्लेसेज पर हुए कई Žलास्ट्स का आरोपी है। 2008 में दिल्ली में बम Žलास्ट, अहमदाबाद बम Žलास्ट, सूरत बम Žलास्ट, जयपुर बम Žलास्ट, 2010 में वाराणसी में दश्वामेघ घाट में Žलास्ट और 2011 में मुंबई में हुए Žलास्ट में इसका नाम सामने आया था.

 

क्यों चुना है रांची और पटना के airport को?

इनफॉर्मेशन यह भी मिल रही है कि बिहार और झारखंड को टेररिस्ट्स ने अपने सेफ जोन के रूप में डेवलप किया है। टेररिस्ट्स का फाइनेंसर होने के आरोप में हाल में सिटी के डोरंडा से पकड़े गए उजैर अहमद खान की अरेस्टिंग के बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम को कई इम्पॉर्टेंट इनफॉर्मेशंस मिली हैं। इनफॉर्मेशंस के मुताबिक, चूंकि रांची और पटना एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी के बहुत खास इंतजाम नहीं हैं, पुलिस एक्टिविटी भी सुस्त है, इसलिए रांची और पटना को टेररिस्ट्स ने अपने टारगेट पर ले रखा है और यहां प्लेन हाइजैक करने का प्लान बनाया है. 

Alert हुआ airport administration

आईबी के अलर्ट जारी करने के बाद झारखंड के डीजीपी ने सिटी के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मौजूद सीआईएसफ समेत रांची पुलिस को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया है।

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर हर पैसेंजर की चेकिंग हो रही है। जिन पर शक हो रहा है, उनकी अच्छी तरह से मॉनिटरिंग की जा रही है। एयरपोर्ट पर इंस्टॉल किए गए सीसीटीवी कैमरे को भी अपडेट कर लिया गया है, ताकि एयरपोर्ट पर हो रही हर एक्टिविटी पर नजर रखी जा सके। आईबी ने यह भी आशंका जाहिर की है कि टेररिस्ट्स प्लेन हाइजैक करने की घटना को अंजाम देने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद कर्मियों को पैसे का लालच देकर खरीद सकते हैं। ऐसे में कर्मचारियों की आइडेंटिटी को अपडेट कर उनकी एक्टिविटीज पर भी नजर रखी जा रही है।

What’s the function of IB?

इंटेलिजेंस Žयूरो (आईबी) टेररिस्ट्स के खिलाफ और नक्सलियों के खिलाफ भी खुफिया जानकारी कलेक्ट करने का काम कॉन्फिडेंशियल वे में करता है। इसका अलग सर्विलांस सिस्टम है, जो देश के किसी भी सर्विलांस सिस्टम्स से ज्यादा पावरफुल है। जब हैदराबाद में टेररिस्ट्स ने बम Žलास्ट प्लान तैयार किया था, तो आईबी ने स्टेट गवर्नमेंट को इस घटना से पहले से आगाह कर दिया था। आईबी के पास मैन पावर की कमी नहीं है। आईबी के ऑफिसर्स व एंजेंट्स कहीं भी अपनी पहचान किसी को नहीं बताते। पूरे देश में आईबी के 3500 से 4000 एजेंट्स टेररिस्ट्स की खुफिया जानकारी कलेक्ट करने में दिन-रात जुटे रहते हैं।

पहले भी आगाह किया है IB ने

आईबी का सर्विलांस सिस्टम काफी स्ट्रॉन्ग है। लास्ट ईयर पटना में नरेंद्र मोदी की रैली से पहले भी आईबी ने स्टेट गवर्नमेंट को रैली में टेररिस्ट अटैक को लेकर आगाह किया था। पर, आईबी की इस वॉर्निंग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा आईबी ने झारखंड के रांची में नक्सलियों के दो टॉपमोस्ट लीडर अमिताभ कुमार उर्फ बागची और उदय कुमार को झारखंड पुलिस द्वारा पकड़वाने में अहम योगदान दिया था।

कौन है यासीन भटकल?

बेसिकली कर्नाटक के रनहेवाले 30 वर्षीय यासीन भटकल ने साल 2003 में अपने भाई रियाज भटकल समेत दो लोगों के साथ मिलकर 'इंडियन मुजाहिदीनÓ नाम से टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन बनाया था। यासीन भटकल उर्फ शाहरुख का ओरिजनल नाम मोहम्मद अहमद जरार सिद्दीबप्पा है। यासीन भटकल जर्मन बेकरी Žलास्ट के अलावा एक क्रिकेट मैच के दौरान बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए Žलास्ट के मामले में भी मेन एक्यूज्ड है। 29 अगस्त 2013 को यासीन भटकल को नॉर्थ बिहार के इंडिया-नेपाल बॉर्डर (रक्सौल) से अरेस्ट किया गया था। नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान समेत कई देशों में पिछले पांच सालों से फरार चल रहा था। एनआईए ने भटकल को देश में हुए डिफरेंट टेररिस्ट अटैक्स का मेन कॉन्स्पिरेटर और उन्हें अंजाम देनवाला करार दिया है। भटकल पहले बैन्ड ऑर्गनाइजेशन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था। आईएम के पांच सस्पेक्ट्स के खिलाफ देश में टेररिस्ट अटैक करने की कॉन्स्पिरेसी रचने के लिए जुलाई में आरोप पत्र दायर किया गया। कर्नाटक के भटकल गांव का रहनेवाला यासीन भटकल अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली और हैदराबाद में हुए टेररिस्ट अटैक्स के मामलों में वांटेड है। साल 2003 में उसने अपने भाई रियाज व एक अन्य साथी सुभान के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना की थी। यासीन भटकल देश के डिफरेंट प्लेसेज पर हुए कई Žलास्ट्स का आरोपी है। 2008 में दिल्ली में बम Žलास्ट, अहमदाबाद बम Žलास्ट, सूरत बम Žलास्ट, जयपुर बम Žलास्ट, 2010 में वाराणसी में दश्वामेघ घाट में Žलास्ट और 2011 में मुंबई में हुए Žलास्ट में इसका नाम सामने आया था।

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