-सीएम के समक्ष श्रम संसाधन विभाग द्वारा 'द ड्राफ्ट लेबर कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी-2018' का प्रजेंटेशन

-सीएम बोले, हर पहलुओं का अध्ययन कर उचित सलाह भेजें

क्कन्ञ्जहृन्: कामगारों के सामाजिक सुरक्षा के लिए जितने सारे अधिनियम (एक्ट) हैं उन्हें समेकित करके एक सामाजिक सुरक्षा कोड बनाने की पहल अच्छी है। इससे सभी तरह के कामगारों को लाभ होगा। यह बातें सीएम नीतीश कुमार ने कही। साथ ही सीएम ने सुझाव दिया कि नई व्यवस्था को ठीक से लागू करने के लिए व्यवहारिक प्रणाली बनाने की आवश्यकता है। इसके अलावा श्रमिकों के सर्वे के लिए राज्य आधारित मानक होने चाहिए। बुधवार को एक अण्णे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में श्रम संसाधन विभाग द्वारा 'द ड्राफ्ट लेबर कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी-2018' का प्रजेंटेशन दिया गया।

सुदृढ़ आईटी प्लेटफॉर्म जरूरी

सीएम ने कहा कि श्रमिकों के हित में इस नई व्यवस्था को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सुदृढ़ आइटी प्लेटफॉर्म की जरूरी है। पहले आइटी प्लेटफॉर्म का निर्माण कर लिया जाए तब इसे लागू किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि 'द ड्राफ्ट लेबर कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी-2018' के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर राज्य के संदर्भ में लागू करने के लिए जो उचित सलाह हो, उसे केंद्र को भेजें।

देश में 4.5 करोड़ कामगार

श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने सीएम के समक्ष विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रजेंटेशन में बताया गया कि देश में संगठित, असंगठित, स्वनियोजित और घरेलू समेत विभिन्न क्षेत्र के श्रमिकों के लिए समेकित सामाजिक सुरक्षा कोड बनायी जा रही है, इसे लागू होने पर बिहार जैसे राज्य पर वित्तीय भार बहुत ज्यादा हो जाएगा क्योंकि यहां के अधिकांश कामगार कोटि-4 में आएंगे। अंशदान का वहन राज्य सरकार को करना है। इसलिए केंद्र को भेजे जाने वाले सुझाव में भारत सरकार को भी अनुपातिक अंशदान वहन करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र सरकार का लक्ष्य है वर्तमान में देश में 4.5 करोड़ कामगार हैं, उन्हें बढ़ाकर 45 करोड़ कर दिया जाएगा। डिप्टी सीएम सुशील मोदी, श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, वित्त विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, समाज कल्याण के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार और सचिव अतीश चंद्रा आदि मौजूद थे।