-राहुल गांधी और अखिलेश यादव के रोड शो में सिक्योरिटी का रहा जबरदस्त इंतजाम

-दोनों नेताओं ने सिक्योरिटी को दरकिनार कर पब्लिक से मिलने में नहीं बरती कोताही

VARANASI : बेहद टाइट सिक्योरिटी में रहने वाले दो बड़े नेताओं का रोड शो शनिवार को बनारस में हुआ। इनमें एक कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दूसरे उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव थे। पूरे रोड शो के दौरान हजारों की भीड़ उनके इर्द-गिर्द रही। हर कोई इनके करीब पहुंचने को आतुर था। इन यंग लीडर्स ने किसी को निराश नहीं किया। अपने और पब्लिक के बीच मौजूद सिक्योरिटी की दीवार को लगभग दरकिनार करते हुए हर किसी के दिल में उतरने की कोशिश की और उसमें कामयाब भी रहे।

लोगों से मिलते-जुलते चलते रहे

राहुल के रोड शो के दौरान सिक्योरिटी का जबरदस्त इंतजाम किया गया था। लंका से लेकर पीलीकोठी तक हर गली, मोड़, चौराहे, तिराहे पर लोकल पुलिस मौजूद रही। साथ में पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स भी थी। हर वक्त राहुल के इर्द-गिर्द रहने वाली एसपीजी भी रोड शो के दौरान उनके साथ थी। राहुल की एक झलक पाने को बेताब रोड पर मौजूद पब्लिक को सिक्योरिटी का कोई परवान नहीं था। राहुल ने भी पब्लिक के बीच मूक संवाद के मौके को हाथ से नहीं जाने दिया। पूरे रास्ते लोगों से हाथ मिलाते, मिलते-जुलते, चाय पीते चलते रहे। उनके ओर उछाली जा रही माला-फूल से भी उन्हें कोई एतराज नहीं रहा। लोकल पुलिस ने रोड शो के मुताबिक टै्रफिक मूवमेंट की तैयारी पहले से कर रखी थी। जैसे-जैसे रोड शो आगे बढ़ता रहा वैसे-वैसे टै्रफिक को बंद और चालू किया जाता रहा। इससे लोगों को परेशानी थोड़ी कम हुई।

CM ने भी नहीं किया निराश

यूपी के चीफ मिनिस्टर के रोड शो के लिए तो पूरे रूट को ही छावनी में तब्दील कर दिया गया था। आरएएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, पीएसी और पुलिस जगह-जगह तैनात की गयी थी। भारी-भरकम फोर्स रोड शो के आगे चलती रही। कमांडोज अखिलेश यादव की खुली गाड़ी को घेरे रहे। रोड पर मौजूद हर शख्स सीएम को अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए बेताब था। अखिलेश ने उन्हें निराश नहीं किया। पूरे रास्ते वह लोगों के माला, स्मृति चिह्न खुद थामते रहे। सिक्योरिटी परसन किसी को रोकने की कोशिश करते तो अखिलेश खुद उन्हें ऐसा करने से मना कर दे रहे थे। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने अखिलेश से हाथ मिलाया। रोड शो के दौरान पार्टी के बड़े नेता और सक्रिय कार्यकर्ता नजर आए तो अखिलेश ने उन्हें अपने पास बुलाया। इनमें राज्य मंत्री रीबू श्रीवास्तव और सूबेदार सिंह जैसे नेता भी शामिल रहे।