एक वीक में सौ से अधिक चोरी व लूट
दुकान के सामने पार्किंग की वजह से कस्टमर्स को आने में भी प्रॉब्लम होती है। पार्किंग, जाम, गंदगी की मार झेल रहे जीएम रोड पर अपराधियों की नजर रहती ही है। मौका मिलते ही अपराधी लूट और हत्या जैसी घटना को भी अंजाम दे देते हैं। पटना केमिस्ट एंड ड्रग्स एसोसिएशन 72 घंटे का इंतजार कर ही है, जिसके बाद दो दिन पहले हुई डकैती की घटना पर कोई एक्शन लिया जाएगा। पुलिस को अपराधी के चेहरे की फोटो भी मिल चुकी है। पीसीडी के ज्वाइंट सेक्रेटरी संतोष कुमार ने बताया कि लूट और हत्या के लिए पूरी तरह से एडमिनिस्ट्रेशन जवाबदेह है।

होती रही है लूट और हत्या
2005 में संडे को जनता मार्केट फेयर डील एजेंसी के यहां डकैती हुई थी। इस घटना के बाद फिर से 2012 में संडे को ही अंबिका एजेंसी और हरियाणी फार्मा में डकैती हुई। सीसीटीवी में लुटेरे का पुटेज भी आया, पर अभी तक उसमें कोई गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। इसके अलावा गोविंद मित्रा रोड में दो साल पहले जय हनुमान फार्मा के मालिक का बैग छीन कर उस पर जानलेवा हमला किया गया था। पीएमसीएच में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। देव फार्मा में डकैती हुई, तो उसके मालिक के लड़के की उसमें हत्या कर दी गयी थी। बैनी माधव लेन में दो दर्जन होलसेल की दुकान है, जिसमें अब तक चार डकैती और दो मर्डर हो चुके हैं.

पुलिस पोस्ट से पुलिस गायब
पुलिस पोस्ट बनने के बाद एक नियम बना था, जिसमें छह रजिस्टर छह प्वाइंट पर रखे गए थे। गश्ती लगाने वाले पुलिस वाले उसमें साइन करने थे, जिससे पता चलता कि गश्ती चल रही है, पर ऐसा नहीं हो पाया। वर्तमान में छह रजिस्टर और छह प्वांइट का कोई अता-पता नहीं.