खोदा पहाड़ निकला चूहा की कहावत आपने जरूर सुनी होगी। ऐसा ही एक वाक्या नेकपुर में देखने को मिला। दरअसल तेंदुए की अफवाह के बाद सैटरडे को कोहराम मच गया था। लेकिन बाद में पता चला कि वह तेंदुआ नहीं बिज्जू था, जो एक गली से निकलकर पेड़ पर चढ़ गया था।

सुबह बदायूं ओरब्रिज के नीचे एक गली में बिज्जू देखा गया था। लोगों ने उसे दौड़ाया तो वह पास के एक पेड़ पर चढ़ गया। इतने में वहां तेंदुए के होने की अफवाह भी फैल गई। देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई। लोगों के डर से बिज्जू पत्तों की पीछे जा छिपा। लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। थोड़ी देर में फायर ब्रिगेड को भी बुला लिया गया। बाद में भीड़ ने उसे देखा तो उप पर पानी फेंकना शुरू कर दिया। खुद की जान बचाने के चक्कर में वह पेड़ से नीचे आ गिरा। इससे वहां भीड़ में भगदड़ मच गई। इसके बावजूद भीड़ कहां मानने वाली थी। लाठी-डंडे लेकर पेड़ को चारों तरफ से घेर लिया। कुछ युवकों ने पेड़ पर भी चढ़ने की भी कोशिश की। लेकिन, बाद में लोगों को वहां से हटाकर उसकी जान बचा ली गई।

क्या होता है बिज्जू

देश में सभी जगह पाए जाने वाला यह जानवर नदियों, तालाबों के तटों में 25-30 फीट लंबी मांद बनाकर रहता है। यह सर्वभक्षी है जो फल मूल से लेकर कीट पतंग तक खा लेता है। इसे हनी बेडगर भी कहते हैं। यह अपने पुष्ट नखों से कब्र खोदकर मुर्दा भी खा लेता है। यह सर्वभक्षी जानवर है। खास बात यह है कि जमीन के नीचे दबे मुदरें को शिकार बनाता है। पानी की तलाश में यह जंगल से आबादी की ओर आ जाता है।