-संत रविदास जयंती को सेलिब्रेट करने के लिए जन्मस्थली पर देश-विदेशों से आये बड़ी संख्या में श्रद्धालु

-आज माघी पूर्णिमा पर गुरु मंदिर में मत्था टेक करेंगे अपनी आस्था का समर्पण

VARANASI

लंका क्षेत्र का एक छोटा सा गांव। जहां आम दिनों में सन्नाटा पसरा रहता था वहां आज एक शहर बस चुका है। यहां न सिर्फ खाने पीने की दुकानें खुली हैं बल्कि कपड़ों से लेकर जरूरत का हर सामान भी मिल रहा है। सबसे अलग बात ये है कि यहां आने के बाद आप को यूपी में होने का अंदाजा ही नहीं लगेगा। अलबत्ता ये महसूस होगा कि हम पंजाब पहुंच गए हैं। दरअसल संत रविदास जयंती के मौके पर सीरगोवर्धनपुर में लाखों की भीड़ जुट चुकी है। खुफिया विभाग के मुताबिक दस फरवरी तक सीर में पांच से छह लाख लोगों के आने का अनुमान है। जबकि गुरुवार तक यहां देश-विदेश से आये लाखों आस्थावानों का जमावड़ा हो चुका है।

नहीं टूट रहा है सिलसिला

श्रद्धालुओं के आने का क्रम लगातार जारी है। लोग आते जा रहे हैं गुरु चरणों में अपनी आस्था को समर्पित करने के लिए। कोई जालंधर से आया है तो कोई चंडीगढ़ से। विदेशों से आने वाले भक्तों की खासी संख्या। अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, इटली, स्पेन, हॉलैंड आदि कंट्रीज से हैं। श्रद्धालु गांव में डेरा डाले हुए हैं। श्री गुरु रविदास पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के लोगों की मानें तो बड़ी संख्या में विदेशों से भी भक्त आये हैं। कुछ तो होटल में रुके हैं तो कुछ ने मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित डेरे में ठिकाना बनाया है। उन्होंने बताया कि देश व विदेशों के करीब दस लाख लोग गुरु रविदास के मंदिर में मत्था टेकेंगे।

सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं

इतनी बड़ी संख्या में हो रहे जुटान में सुरक्षा व्यवस्था भी एक बड़ी चुनौती है पर सेवादारों की कड़ी निगरानी ने इसे बहुत आसान कर दिया है। पंडाल की तरफ जाने वाले हर व्यक्ति को व उसके सामान को मेटल डिटेक्टर से चेक किया जा रहा है। पंडाल एरिया को दर्जन भर क्लोज सर्किट टीवी कैमरों से लैस किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल रहे लोगों को वॉकी टॉकी भी दिया गया है।

पंजाब से आया है सारा सामान

- संत रविदास पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं के भोजन पानी की पूरी व्यवस्था की गई है।

- यहां 7 लाख लोगों के खाने पीने की व्यवस्था है

- महिलाओं और पुरुषों के लिए सुबह से रात तक अलग अलग लंगर चल रहा है।

- हर बीस मिनट पर पांच हजार से अधिक लोग लंगर छक रहे हैं।

- भोजन बनाने का अधिकतर सामान सेवादार पंजाब से लेकर आये हैं।

- इसमें गेहूं- चावल, घी, चीनी से लेकर सब्जी तक शामिल हैं।

- स्टोर इंचार्ज के मुताबिक एक ट्रक दाल, एक ट्रक चावल, एक ट्रक आटा, भ्क्0 कनेस्तर रिफाइन और कई ट्रक सब्जियां आई हैं

दवा का भी है इंतजाम

श्रद्धालुओं के लिए बनाये गये टेंट में डॉक्टर्स और दवाओं का भी पूरा इंतजाम है। जालंधर से सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर्स की पूरी टीम यहां श्रद्धालुओं के लिए मुस्तैद है। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन की ओर से भी हेल्थ कैंप लगाया गया है। किसी भी इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस को भी रखा गया है।

हर काम की जिम्मेदारी तय

- पूरे व्यवस्था की कमान पांच हजार सेवादारों के हवाले है।

- चाहे रोटी बनाना हो या सब्जी काटनी हो। हर व्यक्ति के लिए जिम्मेदारी तय की गयी है।

-लंगर खिलाने वालों की पूरी अलग टीम है

- महिलाओं के जिम्मे रसोई से जुड़े काम दिये गये हैं