छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) जब तक लागू नहीं हुआ था, तब तक इसे लेकर तरह-तरह की बातें हो रही थीं। अड़चन थी, लेकिन अब इसके फायदे दिख रहे हैं। सेंट्रल जीएसटी का राजस्व डेढ़ गुणा बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में विभाग को 4000 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि 2017-18 में बढ़कर यह 6800 करोड़ रुपये हो गया। ये बातें सेंट्रल जीएसटी के आयुक्त अजय कुमार पांडेय ने सोमवार को बताई। बिष्टुपुर स्थित सेंट्रल जीएसटी व एक्साइज अफिस में जीएसटी दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया। आयुक्त ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद हजारों की संख्या में करदाता भी बढ़े। यह नवजात शिशु की अवस्था में है, लिहाजा हम सभी को इसकी देखभाल करनी होगी। व्यवसायी नियमित रिटर्न दाखिल करें, कोई परेशानी हो तो विभाग से संपर्क करें।

आईटी को मिल रही मदद

इस मौके पर प्रधान आयकर आयुक्त अविनाश किशोर सहाय बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि जीएसटी और आयकर विभाग में चोली-दामन का साथ है। इससे आयकर विभाग को भी मदद मिल रही है। जीएसटी में दाखिल किए गए रिटर्न से उन्हें संबंधित कारोबारियों-करदाताओं के आयक की जानकारी मिल रही है। इससे पूर्व सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक भालोटिया ने 28 फीसद टैक्स को घटाकर 18 फीसद कर देना चाहिए। उन्हें विश्वास है कि इससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा। वहीं चैंबर की ओर से राजीव अग्रवाल ने कहा कि जब तक यह लागू नहीं हुआ था, सभी सशंकित थे। इसी शंका को दूर करने के लिए चैंबर ने हेल्पडेस्क शुरू किया, जो आगे भी जारी रहेगा। कार्यक्रम को टाटा स्टील के अरविंद गुप्ता व टाटा मोटर्स के धानु कुमार ने भी संबोधित किया। इस मौके पर केंद्रीय जीएसटी के अपर आयुक्त एनके मिश्रा के अलावा झारखंड राज्य कर विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल के संयुक्त आयुक्त संजय कुमार प्रसाद, उपायुक्त सीएल शर्मा, प्रदीप कुमार व दिलीप मंडल भी उपस्थित थे।