- एमएमएमयूटी में बार्क की हीरक जयंती पर ऑर्गेनाइज हुआ सेमिनार और एग्जिबिशन

- भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स को रिसर्च से कराया रूबरू

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : एटॉमिक एनर्जी की जब भी बात आती है तो दिमाग में सिर्फ एक ही ख्याल सामने आता है और वह है 'एटम बॉम्ब' और इससे होने वाली तबाही। बरसों से एटॉमिक एनर्जी को लेकर चली आ रही लोगों की यह सोच सरासर गलत है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि एटॉमिक एनर्जी सिर्फ बर्बादी के लिए ही बनी है, बल्कि एटॉमिक एनर्जी का वह एक पार्ट भर है। जगह-जगह एटॉमिक एनर्जी प्लांट्स लगाने की बात पर ही बवाल हो जाता है, लेकिन यह कितना जरूरी है यह कोई नहीं समझता। एंप्लाइज और उनकी फैमिली भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) में कई सालों से काम कर रही हैं, लेकिन उन पर तो इसको कोई असर नहीं हो रहा हैं। यह बातें 'भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड' (भाविनि) के मैनेजिंग डायरेक्टर और अध्यक्ष डॉ। प्रभात कुमार ने कही। वह एमएमएमयूटी में बार्क की हीरक जयंती पर ऑर्गेनाइज प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट मौजूद थे।

हेल्पफुल है एटॉमिक एनर्जी

प्रभात कुमार ने एटॉमिक एनर्जी पर अपनी बातें रखते हुए बताया कि यह न सिर्फ बड़े-बड़े मिसाइल और बॉम्ब बनाने के काम आती है, बल्कि इससे इंडिया के डेवलपमेंट में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि एटॉमिक रिर्सोसेज पॉवरफुल और इंडिपेंडेंट इंडिया की वह कुंजी है, जिसकी मदद से एनर्जी यूसेज को बढ़ाया जा सकता है, कृषि की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है, वॉटर प्योरिफिकेशन की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर फोकस किया कि एटॉमिक एनर्जी से आज तक इंडिया में एक भी मौत नहीं हुई, यह इस बात का प्रूफ है कि एटॉमिक एनर्जी कहीं से भी नुकसानदायक नहीं है। उन्होंने बताया कि इस एग्जिबिशन का मेन उद्देश्य भी लोगों को अवेयर करना है।

सोर्स लिमिटेड, लेकिन जरूरत में लगातार इजाफा

उन्होंने बताया कि जहां हम रह रहे हैं, वहां पर सोर्स तो लिमिटेड हैं, लेकिन पॉप्युलेशन लगातार बढ़ रही है। इससे जो चीजें यहां मौजूद हैं, वह लगातार कंज्यूम हो रही हैं। यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि जो हमारे पास आज है, वह फ्यूचर में भी मौजूद हो। इसलिए हमें इनोवेटिव होना पड़ेगा, वहीं कुछ अलग हटकर सोचने की भी जरूरत है। उन्होंने बताया कि एटॉमिक एनर्जी एंड स्पेस डिपार्टमेंट एक अलग डिपार्टमेंट है। जो नेशन और कॉमनमैन के डेवलपमेंट के लिए रेग्युलर अवेयरनेस और रिसर्च प्रोग्राम ऑर्गेनाइज करते हैं।

बार्क में बनाएं करियर

प्रोग्राम की अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो। ओंकार सिंह ने कहा कि जापान में हुए न्यूक्लियर रेडिएशन ने लोगों के दिलों में डर पैदा कर दिया है जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने वहां मौजूद स्टूडेंट्स को बार्क में करियर बनाने की सलाह दी। उन्होंने यूनिवर्सिटी के बिहाफ पर बार्क रिप्रजेंटेटिव्स से कहा कि वह उनके साथ वर्क करना चाहते हैं। बार्क के प्रोजेक्ट्स को वह स्टूडेंट्स में डिस्ट्रीब्यूट करेंगे और उनसे इस पर वर्क करवाएंगे। प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ। एससी जायसवाल ने सभी गेस्ट का वेलकम किया। इस दौरान भाभा के साइंटिस्ट केके राय ने न्यूक्लियर एनर्जी और म्यूटेशन ब्रीडिंग पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान बार्क की ओर से लगाई गई एग्जिबिशन में एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स के अलावा राजकीय जुबली इंटर कॉलेज, एडी इंटर कॉलेज, नवल्स एडकेमी के स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया।