धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज के जीवन दर्शन विषयक व्याख्यानमाला में बोले पूर्व केन्द्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन

ALLAHABAD: देश के बंटवारे से एक रात पहले धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज लार्ड माउंटबेटन के बंगले के बाहर अनशन पर बैठ गए थे। उन्हें पूरी रात नींद नहीं आई। लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने करपात्री जी को जेल भिजवा दिया और देश विभाजित हो गया। यह बातें पूर्व केन्द्रीय मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने रविवार को माघ मेले में त्रिवेणी मार्ग स्थित अखिल भारतीय धर्मसंघ के शिविर में आयोजित धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के जीवन दर्शन पर आयोजित व्याख्यानमाला में बतौर मुख्य अतिथि कही।

गोरक्षा का आंदोलन चलाया

उन्होंने कहा कि करपात्री जी ने गोरक्षा को लेकर दिल्ली में 1966 में देशव्यापी आंदोलन चलाया था। पुलिसिया कार्रवाई में उनकी आंख खराब हो गई थी। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर उनके सपने को साकार करें। गोरक्षा के लिए पूरे देश में माहौल बनाना होगा। इसके लिए संत समाज को आगे आना होगा। विशिष्ट अतिथि पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए करपात्री जी ने जो अलख जगाई है। उसे आगे बढ़ाना होगा।

अध्यक्षता करते हुए श्री करपात्री धाम काशी के स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इसके पहले करपात्री जी के तैल चित्र पर मुख्य अतिथि शाहनवाज हुसैन ने माल्यार्पण किया। फिर दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ किया। संयोजन स्वामी अभिषेक ब्रह्माचारी का रहा।

करपात्री जी के नाम ट्रेन चलाएं

समारोह में स्वामी सहजानंद सरस्वती सामाजिक न्याय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि को काशी से नई दिल्ली तक करपात्री जी के नाम पर स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग संबंधित ज्ञापन दिया। इसके साथ ही संस्कृत और वेद की पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय खोलने की मांग की। इस मौके पर अतुल मिश्रा, गौरव सिंह, किशन गुप्ता, राहुल शुक्ला आदि मौजूद रहे।