-शहर के एमिरेट प्रोफेसर टैक्स बिल सही कराने को लगा रहे निगम का चक्कर

-मेयर ने माना लेन देन के लिए टैक्स विभाग के कर्मचारी दे रहे गलत बिल

BAREILLY: बरेली के सीने पर एक मेडल के तौर पर पहचाने जाने वाले इंटरनेशनली फेम आईवीआरआई में फ्ब् साल काम किया। ब् साल मिनिस्ट्री ऑफ एनवॉयरमेंट एंड फॉरेस्ट में बतौर डाइरेक्टर भी अपनी सेवाएं दी। उम्र ने 7भ् साल का पड़ाव पार कर लिया। अब इलाहाबाद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में वाइल्ड लाइफ साइंस के प्रोफेसर बन जिम्मेदारी निभा रहे। लेकिन इतनी उपलब्धियां होने के बावजूद नगर निगम टैक्स विभाग की कारगुजारियों के आगे हाथ खड़े करने को मजबूर होना पड़ा। निगम के टैक्स विभाग की वसूली के खेल के आगे शहर के एक और सीनियर सिटीजन को हार माननी पड़ी।

लगवा रहे निगम के चक्कर

टिबरीनाथ कॉलोनी में रहने वाले डॉ। बीएम अरोड़ा ने आईवीआरआई में पूरे फ्ब् साल बतौर वेटरिनरी डॉक्टर सर्विस की। इलाहाबाद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में वाइल्ड लाइफ साइंस पढ़ा रहे डॉ। अरोड़ा को मौजूदा समय में निगम के कर्मचारी टैक्स बिल कम करवाने का पाठ पढ़ा रहे। डॉ। अरोड़ा का आरोप है कि निगम के टैक्स विभाग की ओर से उनसे पिछले कई साल से औरों के मुकाबले ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा। इस बार फिर से उन्हें पहले से भी ज्यादा बढ़े हुए टैक्स का बिल भेज दिया है। जिसे सही कराने को उन्हें निगम के चक्कर लगवाने को मजबूर किया जा रहा है।

एडजस्ट कराने की देते हैं सलाह

डॉ। बीएम अरोड़ा ने विगत वेडनसडे को निगम में मेयर डॉ। आईएस तोमर से मुलाकात की और आपबीती सुनाई। डॉ। अरोड़ा ने बताया कि कॉलोनी में एक समान एमआईजी मकान होने के बावजूद उन्हें औरों से ज्यादा टैक्स का बिल दिया जाता रहा। सवाल करने पर कभी जवाब नहीं दिया गया। इस बार 8 हजार का हाउस टैक्स का बिल थमा दिया। इस बार इतने ज्यादा बढ़े बिल की वजह पूछी तो निगम में सारे डॉक्यूमेंट्स लाने और चुपचाप एडजस्ट करा लेने की सलाह दी।

एरियर वसूली की दी धमकी

डॉ। अरोड़ा ने बताया कि बिल सही कराने के लिए बार बार दौड़ा रहे टैक्स विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें बिल एडजस्ट न कराने पर एरियर वसूली की भी धमकी दी। डॉ। अरोड़ा ने बताया कि हर बार टैक्स चुकाने पर भी निगम की ओर से उन पर एरियर वसूलने का दबाव बनाया जा रहा। इतना ही नहीं एक बार बीवी के नाम से बिल जमा करने को चेक दिया था। कुछ समय बाद कर्मचारियों ने चेक ही जमा न होने की बात की। इस पर उन्हें बैंक से चेक इश्यू किए जाने का सर्टिफाइड लेटर तक दिखाना पड़ा। जिसके कुछ हफ्तों बाद ही कर्मचारियों ने खोया हुआ चेक वापस मिलने की बात स्वीकारी।

मेयर ने माना वसूली का खेल

ख्ब् दिसंबर को डॉ। अरोड़ा की कंप्लेन पर मेयर ने भी टैक्स बिलों में की जा रही गड़बडि़यों पर नाराजगी दिखाई। मेयर ने सबके सामने माना कि अपनी जेबें गर्म करने को कुछ कर्मचारी जानबूझ कर बिलों में गड़बड़ी कर जनता को दौड़ा रहे। मेयर ने इससे पहले भी टैक्स विसंगतियों पर नाराजगी जताते हुए निगम के टैक्स विभाग और अधिकारियों की वर्किंग पर सवाल खड़े किए थे। मेयर ने डॉ। अरोड़ा को अपने भवन के हाउस टैक्स का सेल्फ असेसमेंट करने का तरीका समझाया। साथ ही उन्हें खुद टैक्स का आकलन कर निगम में जमा करने में मदद करने का भराेसा दिया।

पहले भी बुजुर्ग हुए परेशान

निगम ने टैक्स वसूली और नए करदाता चिन्हित कराने के लिए एक सर्वे एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी। एजेंसी के सर्वे के बाद निगम में बिल में गड़बड़ी की कई कंप्लेन आने लगी। सिविल लाइंस में ही कई सीनियर सिटीजंस ने टैक्स बिल में गड़बड़ी सही कराने के लिए मेयर व नगर आयुक्त से मदद की गुहार लगाई। पार्षद नेता राजेश अग्रवाल ने सबसे पहले टैक्स रेट में बढ़ोतरी किए जाने पर निगम के स्टाफ की ओर से वसूली के खेल का मामला उठाया था। इससके बाद कार्यकारिणी की बैठकों में भी टैक्स बिल के पीछे करप्शन का मामला खूब गर्माया।

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टैक्स के बिलों में गलत असेसमेंट किए जाने की कई कंप्लेन मिल रही है। सर्वे एजेंसी के काम पर आरोप लग रहे हैं। कुछ कर्मचारी गड़बड़ बिलों को एडजस्ट कराने के लिए लोगों को दौड़ा रहे हैं। जिससे अपनी वसूली कर सकें। जिन लोगों को दिक्कत है, वे अपने हाउस टैक्स का सेल्फ एसेसमेंट करें उनका सही बिल जमा कराने में मदद की जाएगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर

टैक्स में विसंगति एवं गड़बड़ी की शिकायतें बेबुनियाद हैं। लोगों ने पिछले कई साल से या तो टैक्स नहीं भरा या सही टैक्स का भुगतान नहीं किया। सर्वे एजेंसी ने अपना काम सही से किया है। जिन लोगों पर वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है, वे आकर कंप्लेन करें। दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त