स्टेज के आसपास भी जिंदा कारतूस मिले

सीरियस सिचुएशन रही कि स्टेज के आसपास भी जिंदा कारतूस मिले। इसके बाद भी पुलिस सब कुछ कंट्रोल में होने की बात कहती रही। डीजीपी ने इसमें इंडियन मुजाहिदीन के हाथ होने की बात कही है। सीरियल ब्लास्ट की वजह से गौरी चक, कमरथु के राम नारायण सहित पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं सौ से अधिक घायल पीएमसीएच में एडमिट कराए गए। इसमें पांच की पोजीशन क्रिटिकल है। पहला ब्लास्ट 9.30 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-10 के ट्वॉयलेट में हुआ।

लगातार फटते रहे बम

रैली को लेकर पूरे शहर में बड़ी संख्या में बाहर से भी लोग आए थे। पटना जंक्शन पर ब्लास्ट के बाद एसएसपी ऑफिस और गांधी मैदान थाना के बीच मैदान में लगातार आठ से 10 ब्लास्ट हुए। गांधी मैदान में 11.45 बजे से ब्लास्ट का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद तो अफरा-तफरी फैलने लगी। इसी दौरान कुछ लोगों की भीड़ एसएसपी ऑफिस पहुंची और नारेबाजी करने लगी। पथराव भी हुआ जिससे कई गाडिय़ों के शीशे टूट गए। कारगिल चौक के पास बने 'मे आई हेल्प यू' को भी लोगों ने तोड़ दिया।

सर्च के दौरान फटा बम

सिटी एसपी जयंतकांत बम स्क्वॉयड टीम के साथ मैदान में बम ढ़ूंढऩे निकले। इस दौरान एक बम ढ़ंढऩे के क्रम में फट गया। इसके बाद पुलिस भी एक बार पीछे हटी। लेकिन सिटी एसपी के आगे आने के बाद बम ढ़ूंढऩे का सिलसिला दुबारा शुरू हुआ। इसमें गांधी मैदान से शाम तक सात जिंदा बम बरामद किए गए। बम ब्लास्ट के बाद लोग इधर-उधर भागने लगे। ब्लास्ट के बाद अपनों को ढ़ूंढऩे के लिए लोग इधर-उधर भागते और फोन करते दिखे।

एसएसपी ऑफिस में घुसने लगे

गांधी मैदान में पहले ब्लास्ट के बाद से ही बम की दहशत फैली। सभी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। सामने एसएसपी ऑफिस दिखा तो लोग उसमें जाने की कोशिश करने लगे। हालांकि गेट बंद होने के कारण सभी को इसमें सफलता नहीं मिली। जब कोई घायल आता तो पुलिस उसे एंबुलेंस के साथ अपनी गाड़ी से पीएमसीएच भेज रहे थे।

हर जगह हो रहे थे ब्लास्ट

लोग जान बचाने के लिए भाग रहे थे। उद्योग भवन के सामने विस्फोट होने के बाद लोग रीजेंट सिनेमा के पास आ गए। वहां भी विस्फोट हो गया। इसके बाद लोगों ने एसएसपी ऑफिस को सुरक्षित समझा और उधर आ गए। लेकिन वहां भी गांधी मैदान में भी विस्फोट हो गया। इसके बाद कई लोग एसके मेमोरियल हॉल का गेट बंद था। लोग गेट फांदकर अंदर जाने लगे।